Saturday 30 April 2022

चित्रकूट,महोबा व प्रयागराज में रोप-वे का संचालन :पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह


लखनऊ में होगा युद्धपोत आई एन एस का प्रदर्शन 

प्रणाम पर्यटन ब्यूरो 

लखनऊः 29 अप्रैल, देश विदेश के पर्यटकों को उत्तर प्रदेश का गौरवशाली इतिहास एवं समृद्धि विरासत का दर्शन कराने के लिए निजी सहभागिता के आधार पर पूंजी निवेश (पी0पी0पी0 मॉडल पर) गैलरी/संग्रहालयों का निर्माण कराया जायेगा।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने देते हुए बताया कि प्रयागराज में कर्जन ब्रिज फाफामऊ पर गंगा-गैलरी संग्रहालय, गोरखपुर गौरव गैलरी का निर्माण तथा मथुरा में यमुना संग्रहालय का निर्माण कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त राजधानी लखनऊ में गोमती शौर्य संग्रहालय में नेवी का युद्धपोत आई0एन0एस0 गोमती का प्रदर्शन कराया जायेगा। इससे पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि इसी तरह लालापुर, चित्रकूट (महर्षि बाल्मीकि आश्रम) में रोप-वे का निर्माण, महोबा में गोरखगिरी पहाड़ी पर रोप-वे का निर्माण तथा प्रयागराज में प्रतिष्ठानपुरी (उल्टा-किला) झूसी से त्रिवेणी पुष्प (अरैल) तक रोप-वे का संचालन कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 विविधताओं से भरा हुआ है। यहॉ पर समृद्धि संस्कृति तथा पुरातात्विक महत्व के अनेक स्थल हैं। इनका दोहन किये जाने के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। जिससे घरेलू पर्यटकों को उ0प्र0 की तरफ मोड़ने में सफलता मिलेगी।

Monday 25 April 2022

जाना तेलंगाना के कवि घनश्याम पाण्डेय का

   आज सुबह जब आँख खुली और रोज की तरह फेसबुक खोला तो एक जोर का झटका लगा, तेलंगाना के नामचीन कवि,सामाजसेवी एवं व्यवसाई घनश्याम पाण्डेय  जी के इस दुनिया से चले जाने की खबर थी,जिसे उनके बड़े बेटे जुगल पाण्डेय ने  अपने वाल पर पोस्ट की थी. जिसे पड़कर कुछ देर तक अवाक रह गया कि यह सब कैसे हो गया. पर होनी को कोई टाल सकता नहीं ... श्री घनश्याम पाण्डेय जी मेरे अभिन्न मित्र थे,मित्र क्या बड़े भाई की तरह थे. सन दो हज़ार में जब मैं ने निज़ामाबाद से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक के सम्पादकीय विभाग का कार्यभार सम्हाला था ,तभी से आप का स्नेह व प्यार मिलता रहा . राजस्थान के मूलतः रहने वाले श्री पाण्डेय जी का हिन्दी भाषा से लगाव होना स्वाभाविक ही था. तीस -चालीस पहले निज़ामाबाद  (तब आन्ध्र प्रदेश में  हुआ करता था ) इन्दुर हिन्दी समिति का गठन किया था ,जिसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित किया गए थे. सैकड़ों  कवितायेँ  लिखी ,लेकिन आत्मसुखाय के लिए. मेरे आग्रह पर ही मुझे उन्होंने उक्त दैनिक में प्रकाशन के लिए दी. पिछले कई सालों  से बीमार चल रहे थे. तीन बार दिल का दौरा पड़ चूका था ,चौथी बार अभी रविवार को पड़ा था. आज सुबह 4.55 पर उन्होंने ने अंतिम सांस ली. अगर आप को संयुक्त परिवार का जीता जागता उदाहरण देखना हो तो उनके परिवार में देखा जा सकता है . लगभग बीस लोगों का परिवार ,सभी की रसोई एक ही ,जिसकी कमान उनकी पत्नी के हाथ में. वेसे ऐसे कई परिवार आज भी निज़ामाबाद में देखने को मिलेंगे.

  अभी कोरोना के पहले ही तो उनसे मिला था,तब पहला दिल का दौरा पड़ा था उनको, फिर भी वह अपने को स्वस्थ ही बता रहे थे. आज उनके बारे में लिखने को मेरी उंगलियां जवाब दे रहीं हैं, लिखा ही नहीं जा रहा है. बहुत कुछ लिखना है उनके बारे में ,अपने ब्लॉग 'कथानक डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम पर . मन व्यथित है. घनश्याम भाई साहब को बस नमन ही तो कर सकता हूँ. ईश्वर इस दुःख की घडी को उनके परिवार को सहन करने की सकती दे,यही प्रार्थना करता हूँ. 

पर्यटन मंत्री ने अमृत रथ यात्रा की तीन बसों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

आजादी के अमृतकाल के समाप्ति पर भारत को नया भारत बनाने का संकल्प लें-जयवीर सिंह लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर स...