Wednesday 21 June 2023

नेपाल में " विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह " संपन्न

                                            आनन्द गिरि मायालु / नेपालगंज, नेपाल 

नेपाल में पहली बार " ऐतिहासिक विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह 2023 " का आयोजन भव्यता पूर्वक संपन्न हुआ है। नेपाल की पवित्र भूमि शक्तिपीठ बागेश्वरी धाम, नेपालगंज में दो दिवसीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। नेपाल भारत के बीच साहित्यिक पर्यटन के विकास, देवनागरी लिपी के सरंक्षण, नेपाल में हिंदी भाषा तथा साहित्य के प्रचार प्रसार, साहित्य, शिक्षा तथा विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को उल्लेखनीय योगदान हेतु प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित करने तथा नेपाल भारत बीच साहित्यिक, सांस्कृतिक सम्बंध को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से 2 दिवसीय विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह का आयोजन 2023 जून 11-12 को किया गया है।

समारोह की अध्यक्षता हिंदी तथा अवधी भाषा के युवा साहित्यकार संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु ने की थी । प्रमुख अतिथि के रुप में नेपाल की सबसे बड़ी सरकारी साहित्यिक संस्था " नेपाल राजकीय प्रज्ञा प्रतिष्ठान " के पूर्व सचिव सनत रेग्मी तथा नेपालगंज उप महानगर पालिका के उप-प्रमुख कमरुद्दीन राई , प्राज्ञ महानंद ढकाल, प्राज्ञ शशिराम कार्की, नेपाल टेलिविजन के प्रमुख विजय वर्मा, अवधी सांस्कृतिक प्रतिष्ठान तथा विश्व हिंदी महासभा नेपाल चैप्टर के अध्यक्ष विष्णु लाल कुमाल, उद्योगपति तथा समाजसेवा नंदलाल वैश्य सहित अन्य दर्जनों साहित्यकार, पत्रकार तथा राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों की सहभागिता रही थी। 

     इसी तरह विशिष्ठ अतिथि के रुप में भारत के जयपुर से पुरुषोत्तम श्रीवास्तव पुरु, नारनौल से डॉ मक्खन लाल तंवर, लखनऊ में डॉ राम बहादुर मिश्र, आजमगढ से दिनेश श्रीवास्तव तथा सपना बनर्जी, सहरसा से शशिकांत शशि कवि जी, दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम, मथुरा से डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री, नाशिक से डॉ राजाराम गमन शेवाले, दिल्ली से डॉ नमिता जैन, श्री गंगानगर से राजपाल, सपना तथा जगदीश कुमार रहे हैं।

दो दिवसीय " विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह  " को मुख्य चार सत्रों में विभाजन किया गया था। प्रथम सत्र का संचालन राजपाल ने की थी। समारोह के प्रथम सत्र में देश विदेश की महान प्रतिभाओं को विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया है सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं के नाम हैं भारत के जयपुर से पुरुषोत्तम श्रीवास्तव पुरु, नारनौल से डॉ मक्खन लाल तंवर, लखनऊ से डॉ राम बहादुर मिश्र, आजमगढ से दिनेश श्रीवास्तव तथा सपना बनर्जी, सहरसा से शशिकांत शशि कवि जी, दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम, मथुरा से डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री, नाशिक से डॉ राजाराम गमन शेवाले, पश्चिम त्रिपुरा प्रिया रॉय, श्री गंगानगर से राजपाल, सपना तथा जगदीश कुमार, दिल्ली से डॉ नमिता जैन तथा डॉ पंकज साहिल, बहराइच से एम रशीद की उपस्थिति रही थी। 

समारोह को चार सत्रों में विभाजन किया गया था प्रथम सत्र का संचालन साहित्यकार राजपाल जी ने किया था। इस सत्र में देश विदेश की दर्जनों प्रतिभाओं को विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान से मोमेंटो, मेडल, अंगवस्त्र तथा विश्व प्रतिभा परिचय पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है। सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं में बलरामपुर से डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव प्रेम जी, श्री गंगानगर से राजपाल, सपना तथा जगदीश कुमार, दिल्ली से डॉ नमिता जैन, डॉ पंकज साहिल, मुज़फ्फरनगर से प्रदीप जैन तथा सपना अग्रवाल, नाशिक से डॉ राजाराम गमन शेवाले, पश्चिम त्रिपुरा से प्रिया रॉय, आजमगढ  सपना बनर्जी, नारनौल से डॉ मक्खन लाल तंवर, सहरसा से शशिकांत शशि कवि जी, पाली से अंजू जांगिड राधे, महेसाणा से डॉ कीर्ति भाई रामजी भाई, बाराबंकी से प्रदीप सारंग, गांधी नगर से डॉ गुलाब चंद पटेल, भिवानी से डॉ राजेंद्र सिंह, झुंझुनू से अजब सिंह, जयपुर से पुरुषोत्तम श्रीवास्तव पुरु, नई दिल्ली से डॉ संजय सिंह, लखनऊ से रमेश चंद्रा पर्यावरणविद, जबलपुर से उर्मिला कुमारी, कटनी से राधा सुनिल कुमार, बहराइच से एम रशीद, दरभंगा से डॉ शशि भूषण, रांची से निता शेखर विषिका, लखनऊ से अबुल कासिम अब्बासी समर अमेठवी, बस्तर से डॉ विश्वनाथ देवांगन मुस्कुराता बस्तर, सुल्तानपुर से सर्वेश कुमार वर्मा सरल तथा अनिल कुमार वर्मा मधुर, गाजियाबाद से प्रीति तिवारी नमन, दतिया से डॉ दीपा कोहली दीप, गोंदिया से एड देवेंद्र घनश्याम चौधरी, शिवपुरी से इंजी अवधेश कुमार सक्सेना, सतारा से डॉ दिलीप कुमार कसबे, गरियाबंद से नूतन लाल साहू, काशीपुर से प्रतोष मिश्रा, लखनऊ से हरिश्चंद सिंह चौहान, दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम, मथुरा से डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री, लखनऊ से रमेश चंद्रा पर्यावरणविद, बहराइच से एम रशीद को भारत से प्रत्यक्ष सम्मानित किया गया है। इसी तरह नेपाल से वरिष्ठ नेपाली साहित्यकार सनत रेग्मी,   महानंद ढकाल, शशि राम कार्की, विष्णु लाल कुमाल,  विजय वर्मा को सम्मानित किया गया है। 

विविध कारणों से समारोह में शामिल न हो पाने वाली प्रतिभाओं को भी " विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान " से सम्मानित किया गया है जिनके नाम हैं अमेरिका से प्रो नीलू गुप्ता, अमेरिका में डॉ सोनिया शर्मा, बिजनौर से ज्योति रानी, अलवर से लक्ष्मी देवी शर्मा,भावनगर से प्रवीण राम लाल पवार, रायपुर से शुभ्रा शुक्ला निशा, छतरपुर से डॉ उषा अग्रवाल, रांची उमा पुपुन, भोपाल से डॉ ज्ञानेश्वरी व्यास स्मृति, महम्मद इलियास अप्पासो, धारवाड़ से डॉ पद्मावती राम सिंगारी, लखनऊ से प्रो नीतू शर्मा, दिल्ली से अर्श अमृतसरी, दिल्ली से अलका जैन, बालाघाट से प्रणय श्रीवास्तव अश्क, ऊना से सुभाष पारस, गोरखपुर से नंदलाल त्रिपाठी पीतांबर, कटनी से डॉ पंकज वर्मन, बेंगलूर से लता चौहान,  कलबुर्गी डॉ देशमुख अफशां बेगम, चीन से डॉ विवेक मणि त्रिपाठी, तंजानिया से सूर्यकांत तुषार, डॉ शैलजा सक्सेना तथा संयुक्त अरब अमीरात से डॉ चैतन्य कृष्ण मिश्र को सम्मानित किया गया है।

इसी अवसर पर प्रांतीय ब्रांड एम्बेसडर स्पॉन्सरशिप प्रतिभाओं को 5 वर्ष के लिए ब्रांड एम्बेसडर की नियुक्ति प्रदान की गई है नियुक्त किए गए प्रांतीय ब्रांड एम्बेसडरो के नाम हैं राजस्थान से अंजू जांगिड राधे, अजब सिंह, राजपाल, सपना, उत्तर प्रदेश से डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव प्रेम जी, दिनेश श्रीवास्तव, सपना बनर्जी, गुजराज से डॉ कीर्तिभाई रामजी भाई, डॉ गुलाब चंद पटेल, बिहार से शशिकांत शशि कवि जी, हरियाणा से डॉ मक्खन लाल तंवर, दिल्ली डॉ नमिता जैन, बेंगलोर से लता चौहान, कलबुर्गी से डॉ अफशां बेगम। प्रथम सत्र सम्मान समारोह के बाद दूसरे सत्र में काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता भिवानी से वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजेंद्र सिंह ने की थी संचालन राजपाल तथा प्रतोष मिश्रा ने किया था। काव्य सम्मेलन में दर्जनों कवियों ने काव्य पाठ कर श्रोताओं का मन हर्षित किया था। उत्कृष्ठ दो रचनाओं के रचनाकारों को नक़द धनराशि देकर पुरुस्कृत किया है। विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह काव्य सम्मेलन प्रथम पुरस्कार नक़द रु. 10,000/- कवियत्री सपना अग्रवाल, मुजफ्फरनगर को तथा दूसरा पुरुस्कार सर्व श्रेष्ठ लोगगीत लेखन तथा गायन के लिए आजमगढ से भारत की लोकप्रिय अवधी हिंदी लोकगायिका सपना बनर्जी को रु 10,000/- नक़द धनराशि देकर सम्मानित किया गया है।

समारोह में आधा दर्जन पुस्तकों का लोकार्पण किया गया है जिसमें साहित्यकार राजपाल तथा सपना की काव्य संग्रह "आरुषि राज"  मामून रशीद की पुस्तक "द जंगल वाइस बंद आंखे " , विष्णु लाल कुमाल की ७५ घमन्जा , डॉ मक्खन लाल तंवर की " मक्खन शतसई " , अनिल कुमार वर्मा मधुर की काव्य संग्रह "वेदना" ,  डॉ शशिकांत "शशि" कवि जी की कृति अमृत कलश कृति का लोकर्पण प्रमुख अतिथि प्रसिद्ध बहुभाषिक साहित्यकार तथा नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के पूर्व सचिव सनत रेग्मी तथा संस्था के अध्यक्ष आनन्द गिरि गोस्वामी द्वारा किया गया था। 

      समारोह के तृतीय सत्र में साहित्य गोष्ठी में सहभागी प्रतिभाओं ने समारोह के चौथे सत्र संस्कृतिक संध्या सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मक्खन लाल तंवर ने की थी, विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी लोक परम्परा के वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया था।  पाली से अंजू जांगिड राधे, गरियाबंद से नूतन लाल साहू तथा बस्तर से डॉ विश्वनाथ देवांगन मुस्कुराता बस्तर ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया था। इसी अवसर पर भारत की प्रसिद्ध लोक गायिका सपना बनर्जी ने सुंदर गीत गाकर दर्शकों का दिल जीता था। 

विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह के अंतिम दिन जून 13 को समापन सत्र के अवसर पर बोलते हुए डॉ राम बहादुर मिश्र ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा की ऐसे आयोजन होने चाहिए साहित्य और हिंदी के विकास के लिए इस समारोह के माध्यम से उत्कृष्ट प्रयास किया गया है। इसी तरह श्री गंगानगर की साहित्यकार राजपाल ने कहा इस समारोह ने नेपाल और भारत के साहित्यकारों को जोड़ने का प्रयास किया है जो प्रशंसनीय है। मथुरा के प्रसिद्ध लेखक डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री ने कहां की इस समारोह ने हम सभी को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है। आनन्द गिरि मायालु हम सभी के लिए पिता के समान है इनसे सभी को सीखने की जरूरत है। डॉ मक्खन लाल तंवर ने कहा की ऐसे आयोजन नेपाल में हरेक वर्ष होने चाहिए। दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम ने कहा की नेपाल की आयोजन संस्था के साथ एकलव्य विश्व विद्यालय मिलकर कार्य करने की जरूरत है। इसी तरह भारत नेपाल से आयोजन में सहभागी साहित्यकारों ने आयोजन सफल रहा है ऐसे आयोजन प्रति वर्ष नेपाल में होने चाहिए। नेपालगंज उप-महानगर पालिका के उप प्रमुख कमरुद्दीन राई ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा की संस्था ने उल्लेखनीय कार्य किया है। साथ ही आगामी वर्ष नेपाल में साहित्यिक पर्यटन के विकास के लिए आयोजक संस्था के माध्यम से सहयोग करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। समारोह के प्रमुख अतिथि नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान नेपाल के पूर्व सचिव सनत रेग्मी ने आयोजन के माध्यम से दर्जन भर देश के साहित्यकारों से जुडने का अवसर मिला है। संस्था का प्रयास सफल रहा है। सभी भाषाओं के समागम के लिए इस तरह के आयोजन सहायक होते हैं। समापन सत्र में समारोह की अध्यक्षता ग्रहण करने वाले संस्था अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु ने कहा विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह की सफलता आप सभी के साथ सहयोग से ही सम्भव हो पाया। हमारी संस्था आप सभी सहयोग से नेपाल भारत को साहित्य का एक संयुक्त मंच प्रदान करना चाहता है। नेपाल में हिंदी का प्रयोग युगों से होता आया है, हिंदी विश्व की सबसे सरल और मीठी भाषा है। हमारी संस्था नेपाल में नेपाली मूल को लोगों को आनलाइन माध्यम से हिंदी भाषा सिखाने की योजना में है। साथ ही हिंदी की पत्रिका प्रकाशन की योजना है। समारोह सफल रहा है इसकी सफलता का श्रेय आप सभी के साथ सहयोग को जाता है। मुझे आशा है की आने वाले समय में भी आप सभी के साथ सहयोग से आगामी दिन में भी इसी तरह के आयोजन संचालन होते रहेंगे। अंतिम सत्र का संचालन प्रसिद्ध रंगकर्मी तथा साहित्यकार डॉ खेम चंद यदुवंशी शास्त्री ने की थी 



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