"सभी नदियों के किनारे निजी क्षेत्र के सहयोग से
वाटर स्पोर्ट्स सुविधाएं विकसित की जायेगी"
लखनऊ: 06 जनवरी, उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन की इकोनामी में बनाने में खेल एव युवा कल्याण विभाग ने अपनी प्रबल सहभागिता सुनिश्चित करने की तैयारी शुरू कर दी है। आगामी फरवरी माह में लखनऊ में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेटर्स समिट में खेल एवं युवा कल्याण विभाग भी निवेशकों को आकर्षित करने लिए रणनीति तैयार कर ली है। अपर मुख्य सचिव, खेल एवं युवा कल्याण डा0 नवनीत सहगल आज बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में एक बैठक की और अधिकारियों को खेलों मंे निजी निवेश को बढ़ावा दिये जाने हेतु आवश्यक निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पीपीपी के आधार पर खेल सुविधाएं विकसित कराई जायें। प्रदेश में स्थापित सभी राजकीय स्टेडियम में कारपोरेट के माध्यम निवेश कराया जाये। खेल एवं खेल सुविधाओं को निजी निवेशकों से जोड़ा जाये। साथ ही प्रदेश में खेल विश्वविद्यालय खोलने के लिए निजी निवेशकों को आकर्षित किया जाये। उन्होंने कहा प्रदेश की सभी निजी खेल अकादमी को निवेश करने हेतु प्रोत्साहित किया जाये। इसके साथ ही प्रदेश की सभी नदियों के किनारे निजी क्षेत्र के माध्यम से वाटर स्पोर्ट्स सुविधाएं विकसित करायी जायें। इसके अलावा देश एवं विदेश की खेल का सामान बनाने वाली कंपनियों को प्रदेश में स्पोटर््स गुड्स मैन्यूफैक्चरिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाये। इसी प्रकार युवा कल्याण विभाग के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के सहयोग खेल सुविधाएं बढ़ाये जाने पर जोर दिया जाये और अधिक से अधिक कारपोरेट्स को इससे जोड़ा जाये।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खेल क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रस्तावित खेल नीति में व्यापक प्राविधान किये गये है। खेल विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने में विशेष प्रमुखता दी गई है। इसके अलावा राज्य में खेल उपकरण के लिए विनिर्माण क्लस्टर विकसित करने और खेल क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना पर बल दिया गया है।
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