Saturday 15 October 2022

'आर्थराइटिस मरीजों की बढ़ती संख्या को कम करने में जागरूकता का विशेष महत्व': श्रीमती नम्रता पाठक

विश्व आर्थराइटिस दिवस पर आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ़ लखनऊ द्वारा जागरूकता कार्यक्रम
लखनऊ,15 अक्तूबर (विज्ञप्ति) विश्व आर्थराइटिस दिवस के अवसर पर आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ़ लखनऊ ने जागरूकता कार्यक्रम का अक्टूबर 15, 2022, को सुबह आयोजन किया जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाज सेविका आदरणीय श्रीमती नम्रता पाठक जी, पत्नी माननीय उप-मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार माननीय श्री ब्रजेश पाठक, उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आदरणीय श्रीमती नम्रता पाठक जी ने कहा की आर्थराइटिस मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए जागरूकता को बढ़ने की भी अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा की इलाज से बेहतर उपाय बचाव है और इसके लिए जागरूकता एक शशक्त हथियार है। श्रीमती नम्रता पाठक ने वर्ल्ड आर्थराइटिस डे कार्यक्रम के अंतर्गत साइकिल रैली में प्रतिभाग करने वाले बड़ी संख्या में आये हुए साइकिलिस्ट को झंडा दिखा कर रवाना किया। साइकिल रैली हेल्थसिटी हॉस्पिटल से शुरू हुई। उन्होंने हेल्थसिटी हॉस्पिटल द्वारा गोद लिए गए दो चौराहों का, जिन्हे आज सुसज्जित भी किया गया था, अनावरण किया। यह चौराहे हेल्थसिटी हॉस्पिटल द्वारा सँवारे जायेंगे।
श्रीमती पाठक ने अस्पताल परिसर में पांच पौधे भी लगाए। वहीँ उन्होंने दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल भी वितरित की।
आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ़ लखनऊ के संस्थापक डॉ संदीप कपूर ने इस अवसर पर कहा की समाज में दिव्यांगों को उचित सम्मान दिलाना भी सभी की जिम्मेदारी है। डॉ कपूर ने कहा की हर एक सरकारी एवं निजी दफ्तर अथवा कार्यालय में दिव्यांगों हेतु रैंप निर्माण होना चाहिए वहीँ उनके लिए अलग स्थान की भी व्यवस्था होनी चाहिए जिस से की उन्हें कोई कठिनाई न हो।
आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ़ लखनऊ के संस्थापक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आर्थराइटिस प्रमुख रूप से शरीर के जोड़ों पर असर करता है। परन्तु इसका प्रभाव कई प्रकार से व्यक्ति के पूरे जीवन पर पड़ जाता है। आर्थराइटिस आज जीवन शैली सम्बन्धित बीमारियों में प्रथम स्थान रखता है।
डॉ. कपूर ने बताया कि लखनऊ में 5 लाख से अधिक व्यक्ति  आर्थराइटिस से प्रभावित हैं। आर्थराइटिस के उपचार व बचाव पर बात करते हुए डॉ. कपूर ने कहा कि आर्थराइटिस अन्ततः प्रत्यारोपण सर्जरी के माध्यम से पूर्णतः ठीक हो जाता है परन्तु आधुनिक दवाओं के माध्यम से प्रत्यारोपण को काफी समय तक टाला भी जा सकता है। साथ ही मरीज इस दौरान दर्द से भी छुटकारा पा सकते हैं। डॉ. कपूर ने कहा कि आर्थराइटिस उपचार के अधिक माध्यम नहीं है। इस कारण जो मरीज वैकल्पिक उपचार की ओर जाते हैं वे बीमारी को एक प्रकार से बढ़ावा देते हैं। समय पर सही इलाज जरूरी है।
डॉ. संदीप गर्ग ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार 10 दस में से साथ व्यक्ति आर्थराइटिस से परेशान होते हैं। यह जोड़ों से सम्बन्धित एक जैसी स्वास्थ्य से परेशान होते हैं। बीमारी से ग्रसित व्यक्ति तरह-तरह की परेशानी से गुजरता है। दर्द, चलने-फिरने में कठिनाई, जोड़ों में अकड़न महसूस होना समेत दूसरी परेशानियाँ होती हैं। मरीज यह महसूस करता है कि वह पहले की तरह चीजों को पकड़ भी नहीं पा रहा है।
कार्यक्रम में डॉ दर्शना कपूर, डॉ एएम् सिद्दीकी, डॉ फरहद सिद्दीकी, डॉ पुलकित, डॉ केपी चंद्रा, डॉ केबी जैन, ऋतू गर्ग,  डॉ नवनीत त्रिपाठी, डॉ आशुतोष पांडेय, डॉ शैलेन्द्र, अमन ओहरी, जयदीप, इन्द्रसेन, अनुज, विनोद, अमित पांडेय व अम्बुज बारीगोल्डी उपस्थित रहे। इस अवसर पर साइकिल रैली एवं वॉकथॉन के अतरिक्त योग सत्र का भी आयोजन किया गया था। 

 

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