प्रणाम खबर ब्यूरो
जबलपुर । मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सात नए जजों जजों के शपथ ग्रहण करते ही जजों की संख्या 36 हो गई है। सात नए जज अनुराधा शुक्ला, हृदयेश , प्रेम नारायण सिंह, अचल कुमार पालीवाल, अवनींद्र कुमार सिंह, संजीव कलगांवकर व रूपेश चंद्र वार्ष्णेय ने सोमवार को पदभार संभाल लिया। इससे पूर्व मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने उन्हें शपथ ग्रहण कराई। हाई कोर्ट के साउथ ब्लाक सभागार में सर्वप्रथम रजिस्ट्रार जनरल रामकुमार चौबे ने राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति के आदेश का वाचन किया। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश मलिमठ ने शुभकामनाएं दीं। अपने सम्बोधन में सभी के बारे में मूलभूत उल्लेख किया। फिर स्टेट बार चेयरमैन, हाई कोर्ट बार व हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार अध्यक्ष ने व्यक्तित्व-कृतित्व रेखांकित किया। सीनियर एडवोकेट बार, असिस्टेंट सालिसिटर जनरल ने सातों को बधाई दी। तदनंतर सातों ने अपने वक्तव्य में प्रगति के आधार बताए। साथ ही संकल्प लिया कि हाई कोर्ट जज के रूप में प्रतिमान दर्ज करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कालेजियम के नामों को दी थी मंजूरीः
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले हाई कोर्ट कालेजियम ने सातों न्यायिक अधिकारियों के नाम सुप्रीम कोर्ट कालेजियम के समक्ष अनुशंसा के लिए भेजे थे। जिस पर विचार करने के बाद पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने नामों को मंजूरी देते हुए हाई कोर्ट जज बनाने की अनुशंसा कर दी थी। आगामी प्रक्रिया के तहत सातों नामों की फाइल राष्ट्रपति के पास गई, जहां से मुहर लगने के साथ ही भारत सरकार के विधि एवं न्यायिक विभाग ने नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया।
17 जजों की कमी
बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत पदों की संख्या 53 हैं, जबकि इन सात नए जजों के बाद यह संख्या 37 हो गई है। उस हिसाब से अभी भी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में 17 जजों की कमी है, आज जिन जजों ने शपथ ली है वह इस तरह है।
जस्टिस रमेश चंद्र वैष्णव
जस्टिस रुपेश चंद्र वैष्णव, 28 सितंबर, 1987 से वो न्यायिक सेवा में शामिल हुए। मध्य प्रदेश में हाई कोर्ट के ज्यूडिशियल सर्विस के सीनियर मेंबर रहे हैं। मूलतः उत्तर प्रदेश के एटा के रहने वाले रुपेश चंद्र ने बीए की पढ़ाई के बाद वकालत की पढ़ाई की है। इसके बाद वह न्यायिक सेवा से जुड़ गए।
जस्टिस अनुराधा शुक्ला
जस्टिस अनुराधा शुक्ला 17 सितंबर,1990 को न्यायिक सेवा में शामिल हुईं और मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा की सदस्य रहीं। न्यायिक कार्रवाई और गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर कॉलेजियम ने अनुराधा शुक्ला को हाईकोर्ट जज की नियुक्ति के लिए उपयुक्त माना।
जस्टिस संजीव सुधाकर कलगांवकर
जस्टिस संजीव सुधाकर कलगांवकर ने 24 मई, 1994 को न्यायिक सेवा में प्रवेश किया था। 23 फरवरी 1970 को जन्मे संजीव सुधाकर का 1992 में 22 साल की उम्र में मध्यप्रदेश में सेवा के लिए चयन हुआ था। साल 2006 में 36 वर्ष की आयु में संजीव सुधाकर ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा पास की। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के छोटे से शहर बैहर से आते है।
जस्टिस प्रेम नारायण सिंह
जस्टिस प्रेम नारायण सिंह 16 जुलाई 1990 से न्यायिक सेवा में शामिल हुए। नारायण सिंह मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सीनियर मेंबर भी रहे हैं। उन्हें भी आज मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने शपथ दिलाई।
जस्टिस अचल कुमार पालीवाल
जस्टिस अजय कुमार सोनी बोल ने 14 जुलाई 1990 से न्यायिक सेवा की शुरुआत की। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट सर्विस के सीनियर मेंबर भी रहे हैं। उन्होंने भी नए जज के तौर पर शपथ ली।
जस्टिस हृदयेश
जस्टिस दे जस्टिस हृदयेश ने 5 जुलाई 1990 से अपने नए सेवा की शुरुआत की। आप मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में न्यायिक सर्विस में भी मेंबर रहे।
जस्टिस अरविंद्र कुमार सिंह
जस्टिस अरविंद कुमार सिंह ने 21 मई 1990 को न्यायिक सेवा की शुरुआत की। आप मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में न्यायिक सर्विस में मेंबर के तौर पर भी रहे।
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले हाईकोर्ट कॉलेजियम ने सात नाम सुप्रीम कोर्ट यानि उच्च न्यायलय के कॉलेजियम को भेजे थे। जिन पर विचार करने के बाद 13 अप्रैल को इन्हें मंजूरी दी गई। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इन सभी को जज बनाने की अनुशंसा की थी।
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