Thursday, 29 June 2023

आशा मालवीय ने 19हज़ार किलोमीटर की दूरी तय की साइकिल से



लखनऊ 29 मई/23 . महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण का संदेश लेकर अकेले पूरे भारत का भ्रमण करने निकली साइकलिस्ट आशा मालवीय ने आईटीबीपी के महानिरीक्षक श्री श्याम मेहरोत्रा और ब्रिगेडियर श्री प्रणव जायसवाल से मुलाकात की. इस मुलाकात में महानिरीक्षक श्री मेहरोत्रा  ने आशा के हौसले की सराहना की. साथ ही उन्हें आगे की यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी. आशा मालवीय अब तक 22 राज्यों का भ्रमण कर चुकी हैं. वो अब तक अपनी साईकिल यात्रा के तहत 19000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुकी हैं. महानिरीक्षक ने साइकलिस्ट आशा के जज्बे की सराहना की. उन्होंने उनसे अभी तक यात्रा के अनुभव के बारे में जाना. साथ ही आगामी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हुए उनका हौसला बढ़ाया. आशा ने श्री मेहरोत्रा को बताया कि इस यात्रा में उन्हें  महिलाओं के लिए किये जा रहे कार्यों को जानने का भी मौका मिला. उन्होंने कहा कि राज्य में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है.

मध्य प्रदेश से चलकर दिल्ली तक साइकिल यात्रा करने निकली आशा मालवीय बुधवार को लखनऊ पहुंची। इस यात्रा में देश के 28 राज्यों में कुल 25 हजार किमी की दूरी तय की जानी है। लोग उनके हौसले और जज्बे को सलाम कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के नाटाराम गांव की रहने वाली सोलो साइक्लिस्ट आशा मालवीय 25 हजार किमी की यात्रा पर निकली हैं। उनका लक्ष्य देश के सभी राज्यों तक पहुंचना है। बुधवार को यूपी के लखनऊ पहुंचीं। यहां उनका स्वागत किया गया और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात हुई। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण का संदेश लेकर आशा संपूर्ण भारत की साइकिल यात्रा पर निकली हैं। लोग उनके हौसले और जज्बे को सलाम कर रहे हैं।आशा ने बताया कि वह राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी व पर्वतारोही भी हैं। महिलाओं को अपनी सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से साइकिल यात्रा कर रही हैं।

आशा अब तक वह 22 राज्यों का भ्रमण कर चुकी हैं। बताया कि 25 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी करने का संकल्प लेकर वह निकली हैं। आशा ने अपनी यात्रा के दौरान अपने अच्छे-बुरे अनुभवों को भी साझा किया। इसके साथ ही वह यात्रा के दौरान 16 राज्यों के मुख्यमंत्री, 17 प्रांतों के राज्यपाल व 15 प्रदेशों के पुलिस प्रमुखों तथा लगभग 100-100 आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से मुलाकात कर चुकी है।अपने संदेश में उन्होंने महिलाओं के बारे में कहा कि उनके मन में यह बात बैठाने की जरूरत है कि हमारे देश में महिलाएं सुरक्षित हैं और उनकी सुरक्षा के प्रति देश एवं प्रदेश की सरकारों द्वारा बराबर ध्यान दिया जा रहा है।

आशा ने कहा कि हम महिलाओं को भी अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना होगा। सारी जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं है। उन्होंने देश के युवाओं के बारे में कहा कि युवा पीढ़ी को अपने काम में असफल होने पर निराशा के भाव मन से निकाल कर हिम्मत से काम ले। हार के आगे जीत की धारणा मन में बैठा कर युवा आगे बढ़ सकते है। आशा ने बताया कि 15 अगस्त को देश की राजधानी दिल्ली पहुंच कर वह अपनी यात्रा को विराम देंगी।(PIB)

Sunday, 25 June 2023

ग्वालियर में बाल श्रम पर राष्ट्रीय सेमीनार एवं अवार्ड संम्पन


ग्वालियर मध्यप्रदेश
  . निरंजना नदी के तट पर विराजमान, विश्व को पंचशील के मार्ग का अवलोकन कराने वाले भगवान बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति-स्थल, ब्रह्माण्ड में सबसे पवित्र ऐतिहासिक स्थल बोधगया में एक नदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं सम्मान समारोह का आयोजन गोपाल किरण समाज सेवी संस्था ग्वालियर मध्यप्रदेश द्वारा किया गया। 37 वर्षों से पंजीकृत इस राष्ट्रीय संस्था ने भारत के कोने कोने से आए सभी ज्ञान शलाका से रोशनी बिखेरने वाले विद्वज्जनों को सम्मानित किया।

    ‌‌विविध प्रदेशों से आए ऐसे शिक्षक-समवाय एवं विद्वानों को सम्मानित किया जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में जूझते हुए स्वयं को एक मुकाम तक ले गए तथा राष्ट्र एवं समाज को एक नई दिशा दिये है शिक्षा साहित्य, उद्यमशीलता, व्यापार, प्रबंधन, तकनीकी,समाज सेवा चिकित्सा-स्वास्थ्य, खेल-कूद ,पर्यावरण, दिव्यांग-जन सहयोग, जलवायु परिवर्तन एवं जल संरक्षण में सहयोग देकर स्वयं को या अन्य को आगे बढ़ाया है। संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे की अध्यक्षता एवं श्री के. सी.मीणा,(IFS) श्री आर. के.मेहरा ,श्री,नरेन्द्र सिंह (DIG-ITBP पटना),आर. एस.वर्मा (IES), डॉ बी.पी .अशोक (IPS- लखनऊ ) के सनरक्षकत्व में श्रीप्रकाश सिंह निमराजे , अध्यक्ष गोपाल किरन समाजसेवी संस्था सुनीता श्रीवास्तव राष्ट्रीय संयोजक शिक्षक प्रकोष्ठ GKSSS के मार्गदर्शन मैं कार्यक्रम आयोजित हुआ। 

कार्यक्रम तीन चरणो मैं पूरा हुआ प्रथम चरण की मुख्य अतिथि डाॅ देवीलता (प्रोफेसर- विधि विभाग ,रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर ), विशेष अतिथि व वक्ता डॉ मीरा पुष्पांजलि जी (प्रोफेसर-इतिहास विभाग, कुन्हन विश्वविद्यालय झारखंड ) डॉ अरुण कुमार रजक (प्रोफेसर पश्चिम बंगाल) एवं ब्यूरो चीफ सामाजिक कार्यकर्ता आदरणीया शीतल देवयानी के अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस की पर शोध पत्र एवं व्याख्यान बहुत ही ज्ञानवर्धक उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण रहा। विषय प्रवर्तक प्रो देवीलता रावत जी ने करते हुए इससे जुड़े कानून व बचाव के बारे मैं बताया। यह बात बडी शिद्दत के साथ रखी गई जो बच्चे फिल्मों मैं साइड सीन मैं किसी भी भूमिका मैं कार्य करते है उनको बाल श्रमिक माना जाये। अराध्य सिंह भेसारे,क्रिस्ट चर्च स्कूल, जबलपुर ने संविधान के विभन्न आर्टीकल पर अपनी बात रखी। विनोद कुमार दुबे, राजेश सिंह, डॉ. समीर भेसारे,ओमकार ,कु.स्मृति कुमकुम,,दुर्गमांगे, बक्सर,कानपुर की शिक्षका श्रीमती अर्चना सागर ने इस अवसर पर बहुत खूबसूरत बाल श्रम के ऊपर चित्र बनाकर अपनी कला को प्रदर्शित किया । मीरा पुष्पांजलि शैलेस जी धड़कन दोस्ती वक़्त ओर आप ,डॉ. व्ही. के.चौरसिया, भोपाल की अभिनव अनुभूति की पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।

राष्ट्रीय सेमिनार के पूर्वार्द्ध दिवस में सम्पन्न हो जाने पर मुख्य अतिथि श्री लख्मी चन्द्र गौतम (अवर सचिव-महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ) ,नई दिल्ली थे । कार्यकम मैं 71 शिक्षक विद्वानों सामाजिक कार्यकर्ताओं को पंचशील अवार्ड -2023 से नवाजा गया।साथ ही साथ अन्य जनों को डॉ. बी. आर. अम्बेडकर रत्न ब अवार्ड- 2023 से भी नवाजा गया। उपस्थित महानुभावों ने सम्मानित होकर संस्था को हार्दिक धन्यवाद भी दिया। श्री श्याम बाबू हँसपुरिया निजी सचिव, पुलिस महानिरीक्षक (महिला सुरक्षा) उनकी धम्म पत्नी श्रीमती राजकुमारी जी श्रीप्रकाश सिंह निमराजे को भगबान बुद्ध की प्रतिमा भेट की। आगामी कार्यक्रम कोलकाता मैं सितम्बर मैं किये जाने का निर्णय लेते हुए डॉ. अरुण प्रसाद रजक को तथागत बुद्ध की तस्वीर भेट कर जिम्मेदारी दी गई

मंच का संचालन रमेश चन्द्रा जी ने किया और अन्त में मध्य प्रदेश से पधारे प्रोफेसर डॉ दिलीप कटारे जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया ,कार्यक्रम का आरंभ तथागत गौतम बुद्ध ,सिंबल ऑफ नॉलेज डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया। राष्ट्रगान के उपरांत संस्था ने सभी लोगों के लिए भोजन भी व्यवस्था कर रखी थी।

सम्मानित जनों की सूची 

सर्वेश कांत वर्मा,'सरल' शिक्षक,रामरती इंटर कॉलेज द्वारिकागज,सुल्तानप उत्तरप्रदेश ,अनिल कुमार वर्मा ,मधुर, शिक्षक, ग्राम -अलहादपुर,बनी, सुल्तानपुर, कु.स्मृति कुमकुम,- शिक्षिका उच्च माध्यमिक विद्यालय फतुहा , कवयित्री/शायरा, Mo काजीबाग (मजार के पास),P.O गुलजारबाग, आलमगंज, पटना बिहार, डॉ. देवीलता रावत,सहायकप्राध्यापक,विधि,रानी दुर्गावती विश्विद्यालय, जबलपुर,पी.यादव 'ओज'  (साहित्यकार),चोकीपाड़ा,झारसुगुड़ा,ओडिशा, डॉ. ममता नोगरैया,वरिष्ठ साहित्यकार, बदायूं,शीतल शैलेन्द्र सिंह राघव "देवयानी,ब्यूरो चीफ: अमर स्तम्भ, ग्वालियर किरण, कंट्री ऑफ इंडिया, हिंन्दुस्तान जनता न्यूज ,इन्दौर ( मध्य प्रदेश), जीवनभाई भोजाभाई वाघेला,सुरेंद्र नगर, गुजरात,डॉ. सारिका विष्णु केदार,सहायक प्राध्यापक,पाली विभाग,रमेश चन्द्रा, शामली,वंदना सिंह यादव, शोधार्थी,श्रीमती मणिप्रभा प्रभा  ,प्रधान पाठक विकासखंड सारंगढ़,बिलाईगढ,उपमा आर्य, लखनऊ,प्रो. डॉ. दिवाकर एस गोड,गोधरा ,गुजरात,डॉ. श्रीमती राजकुमारी वी.अग्रवाल, लेखक, शुजालपुर मंडी, मध्य प्रदेश,डॉ. दिलीप कटारे, सहायक प्राध्यापक, राजनीति शास्त्र,मुरैना,अरुण श्रीवास्तव, लखनऊ,राजेश सिंह ,प्रधान अध्यापक, अमेठी,श्रीमती प्रेमलता सिंह,सीनियर नर्सेज अधिकारी,जिला अस्पताल सुल्तानपुर,डॉ. मोहम्मद यासीन,विभागध्यक्ष, गृह विज्ञान, चितौडगढ़,गयाराम ध्रुव ग्राम व पोस्ट -तरसींवा,धमतरी, शैलेश कुमार, अध्येता, अध्येता,विद्यार्थी ,प्रेरक वक्ता,कुशीनगर,सुश्री उमा उपाध्याय ,प्राथमिक शिक्षक ,शा.प्रा. विद्ध्याल शिकारीटोला (भालापुरी),विकास खंड -समानापुर,जिला -डिंडौरी ,श्री राजकुमार रामलखन यादव,प्रभारी,मुख्याध्यापक,ठाणे महानगरपालिका शा.क्र.,महाराष्ट्र ,विनोद कुमार सीताराम दुबे शिक्षक गुरु नानक इंग्लिश हाई स्कूल एंड जूनियर कालेज भांडुप मुंबई महाराष्ट्र,अर्चना सागर,शिक्षका  कानपुर,एम. डी. जाकिर हुसैन,मुंगेर,दुर्गमांगे प्राथमिक विद्यालय विट्ठलपुर बरूना, जिला और प्रखंड– बक्सर,डॉ. मीरा पुष्पांजलि, सहायक प्राध्यापक, इतिहास, जमशेदपुर,सुनीताश्रीवास्तव ,प्रिंसिपल, दूबेपुर, सुल्तानपुर,डॉ. व्ही. के.चौरसिया, भोपाल,डॉ. अरुण प्रसाद रजक ,सहायक प्राध्यापक (हिन्दी ),गोरुबथान गवर्नमेंट कॉलेज, कलिमपोंग,पश्चिम बंगाल, निधि जगदीश पारेख नंदनी, मुबई,विदिशा पनबार, प्रभारी प्रचार्य, अलीगढ़,सुमित दुग्गल असिस्टेंट डायरेक्टर, निपसीड,इंदौर,तारिक़ अहमद, प्रेम सखी कुमारी,शिक्षिकामध्य विद्यालय वागेश्वरी , हवेली खड़गपुर,जिला - मुंगेर, बिहार,एम. डी. नरुल होंडा,माया एस. एच,पुणे, कवयित्री/ लेखिका/ साहित्यकार/ शिक्षिका; अन्नपूर्णा मालवीया (सुभाषिनी) संस्कृत (प्रवक्ता)  संस्था:-गौरी पाठशाला इंटर कॉलेज प्रयागराज, जुगल किशोर शाक्य,असिस्टेंट डवलपमेंट एक्स्टेंशन ऑफिसर, पिछोर, शिवपुरी,ऋतेश पंवार, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रीतमनगर, रतलाम म.प्र.,डॉ. मोहम्मद ओसामा,उड़ीसा,श्याम सिंह राठौर ,उच्च श्रेणी, शिक्षक, शा.मा. विद्यालय, शास्त्री नगर, थाटीपुर ,एवं संपादक राठौड़ चेतना पत्रिका,तथा पूर्व अध्यक्ष राठौर कर्मचारी संघ,ग्वालियर,प्रज्ञा सिंह,एम. डी. इलियास, मुरादाबाद,भीमरत्न लखमीचंद्र गौतम, अवर सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली,डॉ. बी.पी. अशोक (IPS),Phd, D.Litt, नरेन्द्र कुमार,(IPS),DIG-ITBP पटना,मनोज कुमार अनिल सन्तकबीर नगर,रीता राय, शिक्षक,पलामू झारखंड,अशोक कुमार प्रधान अघ्यापक,दनकौर, गौतम बुद्ध नगर,डॉ. हीरालाल (IAS),लख़नऊ,श्री संजय कुमार,जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चम्पारण, बिहार,ममता सोनी ,विनोद सोनी सोसल एक्टविस्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता,अनिता गौतम,प्राचार्य, प्रवक्ता,साहित्यकार, आगरा,पुष्पलता, सामाजिक कार्यकर्ता, नई दिल्ली, श्यामबाबू हँसपुरिया, निजी सहायक पुलिस महानिरीक्षक, महिला सुरक्षा, राजकुमारी अधीक्षक, छात्रावास, शिवपुरी, अराध्य सिंह भेसारे,क्रिस्ट चर्च स्कूल, जबलपुर,ओंकार शर्मा कश्यप,ओज कवि नवादा (बिहार),डॉ.समीर कुमार भेसारे,सहायक प्राध्यापक, नरसिंहपुर,श्री हिमांशु पाठक,सीनियर एसोसियेट, टाटा आयरन एंड स्टील कम्पनी जमशेदपुर,रामप्रसाद बसेडिया, पंचायत  अधिकारी इसके साथ अन्य प्रमुख लोग थे।


Wednesday, 21 June 2023

नेपाल में " विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह " संपन्न

                                            आनन्द गिरि मायालु / नेपालगंज, नेपाल 

नेपाल में पहली बार " ऐतिहासिक विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह 2023 " का आयोजन भव्यता पूर्वक संपन्न हुआ है। नेपाल की पवित्र भूमि शक्तिपीठ बागेश्वरी धाम, नेपालगंज में दो दिवसीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। नेपाल भारत के बीच साहित्यिक पर्यटन के विकास, देवनागरी लिपी के सरंक्षण, नेपाल में हिंदी भाषा तथा साहित्य के प्रचार प्रसार, साहित्य, शिक्षा तथा विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को उल्लेखनीय योगदान हेतु प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित करने तथा नेपाल भारत बीच साहित्यिक, सांस्कृतिक सम्बंध को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से 2 दिवसीय विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह का आयोजन 2023 जून 11-12 को किया गया है।

समारोह की अध्यक्षता हिंदी तथा अवधी भाषा के युवा साहित्यकार संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु ने की थी । प्रमुख अतिथि के रुप में नेपाल की सबसे बड़ी सरकारी साहित्यिक संस्था " नेपाल राजकीय प्रज्ञा प्रतिष्ठान " के पूर्व सचिव सनत रेग्मी तथा नेपालगंज उप महानगर पालिका के उप-प्रमुख कमरुद्दीन राई , प्राज्ञ महानंद ढकाल, प्राज्ञ शशिराम कार्की, नेपाल टेलिविजन के प्रमुख विजय वर्मा, अवधी सांस्कृतिक प्रतिष्ठान तथा विश्व हिंदी महासभा नेपाल चैप्टर के अध्यक्ष विष्णु लाल कुमाल, उद्योगपति तथा समाजसेवा नंदलाल वैश्य सहित अन्य दर्जनों साहित्यकार, पत्रकार तथा राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों की सहभागिता रही थी। 

     इसी तरह विशिष्ठ अतिथि के रुप में भारत के जयपुर से पुरुषोत्तम श्रीवास्तव पुरु, नारनौल से डॉ मक्खन लाल तंवर, लखनऊ में डॉ राम बहादुर मिश्र, आजमगढ से दिनेश श्रीवास्तव तथा सपना बनर्जी, सहरसा से शशिकांत शशि कवि जी, दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम, मथुरा से डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री, नाशिक से डॉ राजाराम गमन शेवाले, दिल्ली से डॉ नमिता जैन, श्री गंगानगर से राजपाल, सपना तथा जगदीश कुमार रहे हैं।

दो दिवसीय " विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह  " को मुख्य चार सत्रों में विभाजन किया गया था। प्रथम सत्र का संचालन राजपाल ने की थी। समारोह के प्रथम सत्र में देश विदेश की महान प्रतिभाओं को विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया है सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं के नाम हैं भारत के जयपुर से पुरुषोत्तम श्रीवास्तव पुरु, नारनौल से डॉ मक्खन लाल तंवर, लखनऊ से डॉ राम बहादुर मिश्र, आजमगढ से दिनेश श्रीवास्तव तथा सपना बनर्जी, सहरसा से शशिकांत शशि कवि जी, दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम, मथुरा से डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री, नाशिक से डॉ राजाराम गमन शेवाले, पश्चिम त्रिपुरा प्रिया रॉय, श्री गंगानगर से राजपाल, सपना तथा जगदीश कुमार, दिल्ली से डॉ नमिता जैन तथा डॉ पंकज साहिल, बहराइच से एम रशीद की उपस्थिति रही थी। 

समारोह को चार सत्रों में विभाजन किया गया था प्रथम सत्र का संचालन साहित्यकार राजपाल जी ने किया था। इस सत्र में देश विदेश की दर्जनों प्रतिभाओं को विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान से मोमेंटो, मेडल, अंगवस्त्र तथा विश्व प्रतिभा परिचय पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है। सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं में बलरामपुर से डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव प्रेम जी, श्री गंगानगर से राजपाल, सपना तथा जगदीश कुमार, दिल्ली से डॉ नमिता जैन, डॉ पंकज साहिल, मुज़फ्फरनगर से प्रदीप जैन तथा सपना अग्रवाल, नाशिक से डॉ राजाराम गमन शेवाले, पश्चिम त्रिपुरा से प्रिया रॉय, आजमगढ  सपना बनर्जी, नारनौल से डॉ मक्खन लाल तंवर, सहरसा से शशिकांत शशि कवि जी, पाली से अंजू जांगिड राधे, महेसाणा से डॉ कीर्ति भाई रामजी भाई, बाराबंकी से प्रदीप सारंग, गांधी नगर से डॉ गुलाब चंद पटेल, भिवानी से डॉ राजेंद्र सिंह, झुंझुनू से अजब सिंह, जयपुर से पुरुषोत्तम श्रीवास्तव पुरु, नई दिल्ली से डॉ संजय सिंह, लखनऊ से रमेश चंद्रा पर्यावरणविद, जबलपुर से उर्मिला कुमारी, कटनी से राधा सुनिल कुमार, बहराइच से एम रशीद, दरभंगा से डॉ शशि भूषण, रांची से निता शेखर विषिका, लखनऊ से अबुल कासिम अब्बासी समर अमेठवी, बस्तर से डॉ विश्वनाथ देवांगन मुस्कुराता बस्तर, सुल्तानपुर से सर्वेश कुमार वर्मा सरल तथा अनिल कुमार वर्मा मधुर, गाजियाबाद से प्रीति तिवारी नमन, दतिया से डॉ दीपा कोहली दीप, गोंदिया से एड देवेंद्र घनश्याम चौधरी, शिवपुरी से इंजी अवधेश कुमार सक्सेना, सतारा से डॉ दिलीप कुमार कसबे, गरियाबंद से नूतन लाल साहू, काशीपुर से प्रतोष मिश्रा, लखनऊ से हरिश्चंद सिंह चौहान, दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम, मथुरा से डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री, लखनऊ से रमेश चंद्रा पर्यावरणविद, बहराइच से एम रशीद को भारत से प्रत्यक्ष सम्मानित किया गया है। इसी तरह नेपाल से वरिष्ठ नेपाली साहित्यकार सनत रेग्मी,   महानंद ढकाल, शशि राम कार्की, विष्णु लाल कुमाल,  विजय वर्मा को सम्मानित किया गया है। 

विविध कारणों से समारोह में शामिल न हो पाने वाली प्रतिभाओं को भी " विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान " से सम्मानित किया गया है जिनके नाम हैं अमेरिका से प्रो नीलू गुप्ता, अमेरिका में डॉ सोनिया शर्मा, बिजनौर से ज्योति रानी, अलवर से लक्ष्मी देवी शर्मा,भावनगर से प्रवीण राम लाल पवार, रायपुर से शुभ्रा शुक्ला निशा, छतरपुर से डॉ उषा अग्रवाल, रांची उमा पुपुन, भोपाल से डॉ ज्ञानेश्वरी व्यास स्मृति, महम्मद इलियास अप्पासो, धारवाड़ से डॉ पद्मावती राम सिंगारी, लखनऊ से प्रो नीतू शर्मा, दिल्ली से अर्श अमृतसरी, दिल्ली से अलका जैन, बालाघाट से प्रणय श्रीवास्तव अश्क, ऊना से सुभाष पारस, गोरखपुर से नंदलाल त्रिपाठी पीतांबर, कटनी से डॉ पंकज वर्मन, बेंगलूर से लता चौहान,  कलबुर्गी डॉ देशमुख अफशां बेगम, चीन से डॉ विवेक मणि त्रिपाठी, तंजानिया से सूर्यकांत तुषार, डॉ शैलजा सक्सेना तथा संयुक्त अरब अमीरात से डॉ चैतन्य कृष्ण मिश्र को सम्मानित किया गया है।

इसी अवसर पर प्रांतीय ब्रांड एम्बेसडर स्पॉन्सरशिप प्रतिभाओं को 5 वर्ष के लिए ब्रांड एम्बेसडर की नियुक्ति प्रदान की गई है नियुक्त किए गए प्रांतीय ब्रांड एम्बेसडरो के नाम हैं राजस्थान से अंजू जांगिड राधे, अजब सिंह, राजपाल, सपना, उत्तर प्रदेश से डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव प्रेम जी, दिनेश श्रीवास्तव, सपना बनर्जी, गुजराज से डॉ कीर्तिभाई रामजी भाई, डॉ गुलाब चंद पटेल, बिहार से शशिकांत शशि कवि जी, हरियाणा से डॉ मक्खन लाल तंवर, दिल्ली डॉ नमिता जैन, बेंगलोर से लता चौहान, कलबुर्गी से डॉ अफशां बेगम। प्रथम सत्र सम्मान समारोह के बाद दूसरे सत्र में काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता भिवानी से वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजेंद्र सिंह ने की थी संचालन राजपाल तथा प्रतोष मिश्रा ने किया था। काव्य सम्मेलन में दर्जनों कवियों ने काव्य पाठ कर श्रोताओं का मन हर्षित किया था। उत्कृष्ठ दो रचनाओं के रचनाकारों को नक़द धनराशि देकर पुरुस्कृत किया है। विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह काव्य सम्मेलन प्रथम पुरस्कार नक़द रु. 10,000/- कवियत्री सपना अग्रवाल, मुजफ्फरनगर को तथा दूसरा पुरुस्कार सर्व श्रेष्ठ लोगगीत लेखन तथा गायन के लिए आजमगढ से भारत की लोकप्रिय अवधी हिंदी लोकगायिका सपना बनर्जी को रु 10,000/- नक़द धनराशि देकर सम्मानित किया गया है।

समारोह में आधा दर्जन पुस्तकों का लोकार्पण किया गया है जिसमें साहित्यकार राजपाल तथा सपना की काव्य संग्रह "आरुषि राज"  मामून रशीद की पुस्तक "द जंगल वाइस बंद आंखे " , विष्णु लाल कुमाल की ७५ घमन्जा , डॉ मक्खन लाल तंवर की " मक्खन शतसई " , अनिल कुमार वर्मा मधुर की काव्य संग्रह "वेदना" ,  डॉ शशिकांत "शशि" कवि जी की कृति अमृत कलश कृति का लोकर्पण प्रमुख अतिथि प्रसिद्ध बहुभाषिक साहित्यकार तथा नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के पूर्व सचिव सनत रेग्मी तथा संस्था के अध्यक्ष आनन्द गिरि गोस्वामी द्वारा किया गया था। 

      समारोह के तृतीय सत्र में साहित्य गोष्ठी में सहभागी प्रतिभाओं ने समारोह के चौथे सत्र संस्कृतिक संध्या सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मक्खन लाल तंवर ने की थी, विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी लोक परम्परा के वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया था।  पाली से अंजू जांगिड राधे, गरियाबंद से नूतन लाल साहू तथा बस्तर से डॉ विश्वनाथ देवांगन मुस्कुराता बस्तर ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया था। इसी अवसर पर भारत की प्रसिद्ध लोक गायिका सपना बनर्जी ने सुंदर गीत गाकर दर्शकों का दिल जीता था। 

विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह के अंतिम दिन जून 13 को समापन सत्र के अवसर पर बोलते हुए डॉ राम बहादुर मिश्र ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा की ऐसे आयोजन होने चाहिए साहित्य और हिंदी के विकास के लिए इस समारोह के माध्यम से उत्कृष्ट प्रयास किया गया है। इसी तरह श्री गंगानगर की साहित्यकार राजपाल ने कहा इस समारोह ने नेपाल और भारत के साहित्यकारों को जोड़ने का प्रयास किया है जो प्रशंसनीय है। मथुरा के प्रसिद्ध लेखक डॉ खेमचंद यदुवंशी शास्त्री ने कहां की इस समारोह ने हम सभी को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है। आनन्द गिरि मायालु हम सभी के लिए पिता के समान है इनसे सभी को सीखने की जरूरत है। डॉ मक्खन लाल तंवर ने कहा की ऐसे आयोजन नेपाल में हरेक वर्ष होने चाहिए। दमोह से डॉ सूर्य नारायण गौतम ने कहा की नेपाल की आयोजन संस्था के साथ एकलव्य विश्व विद्यालय मिलकर कार्य करने की जरूरत है। इसी तरह भारत नेपाल से आयोजन में सहभागी साहित्यकारों ने आयोजन सफल रहा है ऐसे आयोजन प्रति वर्ष नेपाल में होने चाहिए। नेपालगंज उप-महानगर पालिका के उप प्रमुख कमरुद्दीन राई ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा की संस्था ने उल्लेखनीय कार्य किया है। साथ ही आगामी वर्ष नेपाल में साहित्यिक पर्यटन के विकास के लिए आयोजक संस्था के माध्यम से सहयोग करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। समारोह के प्रमुख अतिथि नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान नेपाल के पूर्व सचिव सनत रेग्मी ने आयोजन के माध्यम से दर्जन भर देश के साहित्यकारों से जुडने का अवसर मिला है। संस्था का प्रयास सफल रहा है। सभी भाषाओं के समागम के लिए इस तरह के आयोजन सहायक होते हैं। समापन सत्र में समारोह की अध्यक्षता ग्रहण करने वाले संस्था अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु ने कहा विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह की सफलता आप सभी के साथ सहयोग से ही सम्भव हो पाया। हमारी संस्था आप सभी सहयोग से नेपाल भारत को साहित्य का एक संयुक्त मंच प्रदान करना चाहता है। नेपाल में हिंदी का प्रयोग युगों से होता आया है, हिंदी विश्व की सबसे सरल और मीठी भाषा है। हमारी संस्था नेपाल में नेपाली मूल को लोगों को आनलाइन माध्यम से हिंदी भाषा सिखाने की योजना में है। साथ ही हिंदी की पत्रिका प्रकाशन की योजना है। समारोह सफल रहा है इसकी सफलता का श्रेय आप सभी के साथ सहयोग को जाता है। मुझे आशा है की आने वाले समय में भी आप सभी के साथ सहयोग से आगामी दिन में भी इसी तरह के आयोजन संचालन होते रहेंगे। अंतिम सत्र का संचालन प्रसिद्ध रंगकर्मी तथा साहित्यकार डॉ खेम चंद यदुवंशी शास्त्री ने की थी 



Sunday, 18 June 2023

حکومتی اقدام اور ثقافتی احیاء

نانو بھسین اور

ریتو کٹاریا

ہندوستان، اپنی وسیع تاریخ اور ثقافتی تنوع کے ساتھ ساتھ متعدد قدیم مقامات اور وراثتی یادگاروں کا گھر ہے جو انتہائی اہمیت کی حامل ہیں۔ حکومت ہند نے ملک کے لازوال اور بھرپور ثقافتی ورثے کے تحفظ کی اہمیت کو تسلیم کیا ہے۔ حکومت کی کوششوں کی قیادت وزیر اعظم جناب نریندر مودی نے اس نعرے کے تحت کی ہے جو انہوں نے دیا تھا، ’وکاس بھی وراثث بھی‘۔ وزیر اعظم نے قومی اور بین الاقوامی سطح پر ہندوستانی علمی نظام، روایات اور ثقافتی اقدار کے تحفظ اور فروغ کو بہت اہمیت دی ہے۔

قابل ذکر کارناموں میں سے ایک تہذیبی اہمیت کے نظرانداز شدہ مقامات کی از سر نو تعمیر ہے۔ مئی 2023 تک، 1584.42 کروڑ روپے کی لاگت سے کل 45 پروجیکٹوں کو منظوری دی گئی ہے جن میں ملک بھر کے تیرتھ مقامات کا احاطہ کیا گیا ہے۔انھیں ہندوستان کی قدیم تہذیبی ورثہ کے تحفظ کے لیےحکومت کی جانب سے پرساد (پلگریمیج ریجوونیشن اینڈ اسپریچوئل آگمنٹیشن ڈرائیو) اسکیم کے تحت منظوری دی گئی ہے۔ 

کئی دہائیوں کی نظراندازگی کے بعد، ہندوستان کی طویل تہذیبی تاریخ کے ساتھ ساتھ مختلف مقامات کا تحفظ، بحالی اور ترقیاتی منصوبوں کے ذریعےاحیاء کیا گیا ہے۔ وارانسی میںکاشی وشوناتھ کوریڈور اور دیگر مختلف پروجیکٹوں نے شہر کی چھوٹی چھوٹی گلیوں، گھاٹوں اور مندروں کے احاطوں کی صورت بدل دی ہے۔ اسی طرح، اجین میںمہاکال لوک پروجیکٹ اور گوہاٹی میںماں کاماکھیاکوریڈورجیسے پروجیکٹوں سے امید کی جاتی ہے کہ وہ مندر کا درشن کرنے والے عقیدت مندوں کو بہتر محسوس کرائیں گے، انہیں عالمی معیار کی سہولیات فراہم کریں گے، نیز سیاحت اور مقامی معیشت کو فروغ دیں گے۔ ایک تاریخی لمحے میں، ایودھیا میںرام مندر کے لیے بھومی پوجن اگست 2020 میں منعقد ہوا اور ایک عظیم الشان مندر کی تعمیر زوروں پر ہے۔

ایک اور قابل ذکر کوشش 825 کلومیٹر طویلچاردھام روڈ پروجیکٹ ہے، جو چاروں مقدس دھاموں کو سبھی موسم میں بغیر کسی رکاوٹ کے روڈ کنکٹیوٹی فراہم کرتا ہے۔ وزیر اعظم نے اس سے قبل 2017 میںکیدارناتھ میں تعمیر نو اور ترقیاتی منصوبوں کا سنگ بنیاد رکھا تھا، جس میں شریآدی شنکراچاریہ کی سمادھی بھی شامل تھی، جو 2013 کے تباہ کن سیلاب میں تباہ ہوگئی تھی۔ نومبر 2021 میں، وزیر اعظم جناب نریندر مودی نے کیدارناتھ میںواقع شری آدی شنکراچاریہ سمادھیکے مجسمے کا افتتاح کیا۔ مزید برآں، گوری کنڈ سے کیدارناتھ اور گووند گھاٹ کو ہیم کنڈ صاحب سے جوڑنے والے دو روپ وے پروجیکٹ، رسائی کو مزید بڑھانے اور عقیدت مندوں کے روحانی سفر میں سہولت فراہم کرنے کے لیے تیار ہیں۔

ثقافتی ورثے کے تحفظ کے تئیں خود کو وقف کرنے کی ایک اور مثال میں، وزیر اعظم نے گجرات کےسومناتھ میں کئی پروجیکٹوں کا افتتاح کیا اور سنگ بنیاد رکھا، جس میں سومناتھ پرومینیڈ، سومناتھ ایگزیبیشن سینٹر، اور پرانے (جونا) سومناتھ کا دوبارہ تعمیر شدہ مندر احاطہ شاملہے۔ اسی طرح کرتار پور کوریڈور اور انٹیگریٹڈ چیک پوسٹ کا افتتاح ایک اہم موقع تھا، جس سے عقیدت مندوں کو پاکستان میں قابل احترام گرودوارہ کرتاپور صاحب میں اپنی عقیدتکا نذرانہ پیش کرنے کے لیے آسان رسائی حاصل ہوئی ہے۔

حکومت کی کوششوں میںہمالیائی اور بدھ ثقافتی ورثے کا تحفظ بھی ایک خاص مقام رکھتا ہے۔ سودیش درشن اسکیم کے ایک حصے کے طور پر، حکومت نے 76 پروجیکٹ شروع کیے ہیں، جن کا مقصد موضوعاتی سرکٹس تیار کرنا ہے جو ہندوستان کے متنوع ثقافتی ورثے کو ظاہر کرتے ہیں۔ توجہ بدھسٹ سرکٹ کے لیے عالمی معیار کے بنیادی ڈھانچے کی ترقی پر مرکوز ہے۔ اس طرح عقیدت مندوں کے روحانی تجربے میں اضافہ ہوتا ہے۔ 2021 میں،کشی نگر بین الاقوامی ہوائی اڈے کا افتتاح کیا گیا، جس سے مہاپری نروان مندر تک آسان رسائی ممکن ہے۔ سیاحت کی وزارت مختلف ریاستوں بشمول اترپردیش، مدھیہ پردیش، بہار، گجرات اور آندھرا پردیش میں بدھ سرکٹ کے تحت آنے والے مقامات کو سرگرمی کے ساتھ تیار کر رہی ہے۔ اس کے علاوہ، نیپال کے لمبنی میں تکنیکی طور پر ترقییافتہانڈیا انٹرنیشنل سینٹر فار بدھسٹ کلچر اینڈ ہیریٹیج کا سنگ بنیاد مئی 2022 میں جناب نریندر مودی نے رکھا تھا، جس نے بدھ مت کے ورثے اور ہندوستان کے ثقافتی تنوع کے تحفظ اور فروغ کے لیے حکومت کے عزم کو مزید اجاگر کیا تھا۔ 

نوادرات کی واپسی کے ذریعے ہندوستان کے ثقافتی ورثے کو بھی نمایاں فروغ ملا ہے۔ 24 اپریل 2023 تک، مختلف ممالک سے ہندوستانی نژاد 251 انمول نوادرات واپس حاصل کیےجاچکے ہیں، جن میں سے 238 کو 2014 سے واپس لایا گیا ہے۔ یہ واپسی ہندوستان کے ثقافتی خزانوں کی حفاظت اور ان پر از سرنو اپنی دعویداری کے تئیں حکومت کے عزم کا ثبوت ہے۔

ایچ آر آئی ڈی اے وائی – ہردے (ہیریٹیج سٹی ڈیولپمنٹ اینڈ آگمن ٹیشن یوجنا) اسکیم کے تحت 12 ہیریٹیج شہروں کی ترقی حکومت کے اپنے آپ کو ایک غیر معمولی ورثے کے محافظ کے طور پر قائم کرنے کے عزم کو ظاہر کرتی ہے۔ ہندوستان میں40 عالمی ثقافتی ورثہ کی شاندار جگہیں ہیں، جن میں سے 32 ثقافتی ہیں، 7 قدرتی ہیں، اور1 مخلوط زمرے کے تحت ہے، جو ہندوستان کے ورثے کے تنوع اور بھرپوریت کو ظاہر کرتی ہے۔ صرف گزشتہ نو سالوں میں عالمی ثقافتی ورثہ کی فہرست میں 10 نئے مقامات شامل کیے گئے ہیں۔ مزید برآں، ہندوستان کی عارضی فہرست 2014 میں 15 مقامات سے بڑھ کر 2022 میں 52 ہوگئی ہے، جو ہندوستان کے ثقافتی ورثے کی عالمی پہچان اور بڑی تعداد میں غیر ملکی سیاحوں کو راغب کرنے کی صلاحیت کو ظاہر کرتی ہے۔

اترپردیش کے وارانسیمیں منعقد ہوئے ایک ماہ طویل’کاشی تمل سنگمم‘ کے ذریعے ہندوستان کےمالامال ثقافت کی بھی نمائش کی گئی، جس کا مقصد ملک کے دو انتہائی اہم اور قدیم علوم کے مراکز تمل ناڈو اور کاشی کے درمیان پرانے روابط کو منانا، اس کی تصدیق اور دوبارہ دریافت کرنا تھا۔ اس طرح کے پروگراموں کے ذریعے، حکومت ایک بھارت شریشٹھ بھارت کے خیال کو پوری قوت کے ساتھ فروغ دینے کا کام کرتی ہے، جس کا مقصد ملک کی ثقافت کا جشن منانا ہے۔ حال ہی میں، ملک بھر کی تمام ریاستوں کے تمام راج بھونوں کے ذریعہیوم ریاست منانے کا فیصلہ بھی ایک بھارت شریشٹھ بھارت کے جذبے کو اجاگر کرتا ہے۔

ان تمام انتہائی اہم منصوبوں اور اقدامات کے ذریعے، وزیر اعظم جناب نریندر مودی کے وژن کی رہنمائی میں حکومت ہند نے ہندوستان کے ثقافتی ورثے کو فروغ دینے اور اس کے تحفظ کے لیے اہم پیش رفت کی ہے۔ یہ ملک کی بھرپور ثقافت کے بارے میں گہری آگاہی اور اس کے ورثے کو محفوظ رکھنے کے لیےپختہ عزم کی عکاسی کرتیہے۔ ہندوستان کے ثقافتی اور روحانیمراکز کی حفاظت اور فروغ کے ذریعہ، حکومت کا مقصد ہندوستانی تاریخ اور ثقافت کے بارے میں موجودہ اور آنے والی نسلوں کی سمجھ میں اضافہ کرنا ہے۔ بین الاقوامی سیاحوں کی بڑھتی ہوئی تعداد کو راغب کرنے کی صلاحیت اور وراثتی مقامات کے احیاء کی جاری کوششوں کے ساتھ، ہندوستان کی قدیم تہذیب اور ثقافتی روایات عالمی سطح پر چمکتی رہیں گی۔

(PIB)


Friday, 16 June 2023

योग, ऋषि-मुनियों द्वारा प्रदान की गयी एक बहुमूल्य धरोहर है : जयवीर सिंह

 


लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा है कि योग हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा प्रदान की गयी एक बहुमूल्य धरोहर है जिससे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे विश्व को परिचित कराया। आज दुनिया के अधिकांश देश योग को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि योग सिर्फ अध्यात्म से जुड़ने का मार्ग नहीं बल्कि शरीर को स्वस्थ एवं निरोग रखने की कला है। उन्होंने कहा कि आज भौतिकवाद से पीड़ित मानवता को विभिन्न असाध्य रोगों से बचाव के लिए योग को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।

श्री जयवीर सिंह इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में आयुष विभाग उ0प्र0 के सौजन्य से नवम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अन्तर्गत 15 जून से 21 जून, 2023 तक आयोजित योग सप्ताह के शुभारम्भ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 11 दिसम्बर, 2014 को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में योग की महत्ता को जोरदार तरीके से रखते हुए पूरे विश्व से इसे अपनाने का प्रस्ताव किया था। जिसके फलस्वरूप आज योग दुनिया के लगभग 175 देशों में रोजमर्रा के जीवन का अंग बन चुका है।

श्री जयवीर सिंह ने कहा कि जीवन की सफलता की सीढ़ी के लिए योग अहम है। योग से व्यक्ति स्वस्थ होता है। परिवार स्वस्थ होता है। समाज स्वस्थ होता है और स्वस्थ समाज से देश प्रगति की राह में आगे बढ़ता है। हमारे मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी का सतत प्रयास है कि सभी निरोगी रहें, इसी भावना के तहत हर आंगन योग ध्येय वाक्य से इस वर्ष का अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का पूरी मनोयोग से निर्वहन करें तो भारत एक दिन अवश्य विकसित राष्ट्र बन जायेगा।

इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ0 अरूण कुमार सक्सेना ने सभी को योग सप्ताह की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आयुष मानवता की सेवा करता है। लोग परेशानियों में अथवा बीमारियों में आयुष विभाग के पास आते हैं और स्वस्थ होकर घर वापस जाते हैं। इस प्रकार आयुष विभाग बीमार, परेशान लोगों की सेवा करता है। उन्होंने कहा कि योग आपकी हेल्थ को प्रमोट करता है। आज पूरी दुनिया में योग को विशेष रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ठीक है तो सब ठीक है। उन्होंने एक श्लोगन लोगों को दिया। ‘‘जो फिट है, वही हिट है’’। उन्होंने कहा कि वन विभाग अन्य विभागों के सहयोग से ईको पर्यटन को लोकप्रिय बनाने के लिए कार्य कर रहा है।

इस अवसर पर आयुष मंत्री डॉ0 दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि योग पहले हिमालय की गुफाओं एवं कन्दराओं का विषय माना जाता था। हमारे ऋषि, महर्षि एवं मनीषियों द्वारा पुरातन काल से इन जगहों पर रहकर योग किये जाने के प्रमाण हैं लेकिन आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी को इस बात के लिए बधाई कि उन्होंने इस विधा को जन-जन तक पहुंचाया। 21 जून को पूरा विश्व योग के लिए एक साथ खड़ा होता है। उन्हांेने वन मंत्री एवं पर्यटन मंत्री जी को धन्यवाद दिया कि तीनों विभागों के सांझा प्रयास से ईको टूरिज्म के क्षेत्र में बेहतर प्रयास करने के लिए नीति बनाया, जिससे कि लोगों को पर्यटन के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक आयुष विद्यमान है। उत्तर में जहां सिंगपा है वहीं दक्षिण भारत सिद्धा के माध्यम से लोगों तक आयुष की सुविधाएं उपलब्ध हैं। हमारे देश में आयुष की सभी विधाएं जैसे-आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी इत्यादि मौजूद हैं। यूनानी और होम्योपैथ का सबसे बड़ा पोषक भारत ही है। उन्होंने कहा कि सभी विधाएं लोगों के स्वास्थ्य को उत्तम बनाने के लिए हैं। उन्होंने सभी से योग करने एवं निरोग रहने हेतु आह्वान किया।

मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने योग के विषय में विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से पूरे विश्व में 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में आज से पूरे प्रदेश में योग सप्ताह का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों एवं संतों ने इस योग को पृथ्वी पर उतारा है। 88 हजार ऋषि-मुनियों ने नैमिषारण में वैदिक एवं योगिक संस्कृति को जोड़ा था। उन्होंने कहा कि योग हमारे देश का ज्ञान विश्व के कोने-कोने पर पहुंच रहा है। हर आंगन योग के माध्यम से योग होना चाहिए, जिससे कि हम सभी स्वस्थ रहें। योग हमारे आत्मा एवं शरीर को जोड़ता है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश मेश्राम ने इस अवसर पर कहा कि स्वस्थ रहने, अच्छा जीवन जीने, सामंजस्य स्थापित करने के लिए योग को अपनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से अच्छे विचारों को अपने जीवन में शामिल करने की आवश्यकता है। पर्यटन विभाग एवं आयुष विभाग मिल कर योग के विषय में अच्छा कार्य कर सकते हैं। उन्हांेने योग सप्ताह के सफल आयोजन के लिए बधाई भी दिया।

प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती लीना जौहरी ने इस अवसर पर कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पूरे प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से आमजन को जागरूक भी किया जा रहा है। योग उनके स्वस्थ जीवन के लिए कितना उपयोगी है। जीवन के लिए कितना उपयोगी है। उन्होंने कहा कि योग एवं प्रकृति का अटूट रिश्ता है इसको दृष्टिगत रखते हुए योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में योग कार्यक्रम आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है। इसके आयोजन में आयुष विभाग की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष नवम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाना है। जिसकी शुरूआज योग सप्ताह 15 जून, 2023 से 21 जून, 2023 तक की जा रही है। आयुष मंत्रालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग की थीम योगा फॉर वसुधैव कुटुम्बकम एवं उसके लिए टैगलाइन ‘‘हर आंगन योग’’ रखा गया है।

इस अवसर पर आयुष विभाग द्वारा ई-आयुष पत्रिका का विमोचन एवं आयुष पौधों का रोपड़ भी किया गया। इसके साथ ही आयुष एवं पर्यटन विभाग द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अतिथियों ने अवलोकन भी किया।

इस अवसर पर लखनऊ के जिलाधिकारी श्री सूर्यपाल गंगवार, मिशन निदेशक आयुष     श्री महेन्द्र वर्मा, निदेशक आयुर्वेद डॉ0 पी0सी0 सक्सेना, निदेशक होम्योपैथ डॉ0 ए0के0 वर्मा, निदेशक यूनानी डॉ0 अब्दुल वाहिद, पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक श्री अश्वनी कुमार पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

पत्नी से नाराज़ होकर बुजुर्ग ऋषिकेश निकले,गलती से उतरे लखनऊ

बलिया के श्रीराम भारद्वाज,डेढ़ महीने से थे लावारिस वार्ड में,ज्योति राजपूत ने परिवार से मिलवाया

लखनऊ। छोटी छोटी बातों पर इंसान कभी कभी ऐसे कदम उठाया करता है जिसका खामियाजा खुद भी भुगतना पड़ता है। कुछ ऐसा ही हुआ है बलिया निवासी बुजुर्ग के साथ। श्रीराम भारद्वाज अपनी पत्नी से गुस्सा होकर ऋषिकेश को निकल गए,लेकिन ऋषिकेश को समझ लखनऊ में ट्रेन से उतर गए। अब इनका खराब समय यहीं से शुरू हुआ। स्टेशन से बाहर आने पर अज्ञात बाइक चालक ने इन्हे टक्कर मार दी और इनके पैर में गहरा घाव हो गया। कई दिनों तक ये सड़क किनारे पड़े रहे और आलम ये था की घावों में इन्फेक्शन और फैल गया था। किसी दयालु रिक्शाचालक की नजर पड़ी तो उसने इन्हे सिविल अस्पताल में भर्ती करवा दिया। श्रीराम भरद्वाज करीब डेढ़ महीने से यहीं थे। सामाजिक कार्यों में संलग्न एडवोकेट ज्योति राजपूत किसी अन्य मरीज को लेकर सिविल अस्पताल गई थी जहां उनके मरीज को लावारिस वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। लावारिस वार्ड की दयनीय स्थिति पर ज्योति ने हाई कोर्ट में पीआईएल दायर कर रखी है जिसकी अगली सुनवाई जुलाई में होनी है है। उसी दौरान ज्योति ने लावारिस वार्ड में भर्ती मरीजों से उनके परिजनों के बारे में जानकारी पूछी। श्रीराम भारद्वाज ने अपने परिजनों के बारे में पहले तो नही बताया लेकिन बार बार पूछने पर रोते हुए घर से गुस्सा होकर निकलने और पूरे हादसे की जानकारी दे दी। पता उन्होंने पामापुर,सिकंदरपुर थाना,जिला बलिया बताया । ज्योति राजपूत ने तत्परता दिखाते हुए बलिया के लोकल थाने पर संपर्क किया,लेकिन रिस्पॉन्स नही मिला। इसके बाद पुनः जिले के कप्तान से संपर्क करने के बाद फिर से लोकल थाने पर संपर्क किया जिसके बाद पुलिस ने उनके परिजनों को सूचना दी। सूचना पर उनके परिजन आए और एक दूसरे को देखकर आंसुओ की धारा बहने लगी। श्रीराम भारद्वाज अपने परिवार के साथ वापस अपने घर चले गए हैं।

एडवोकेट ज्योति राजपूत मानवीय मूल्यों को समझने के साथ ही कई ऐसे सामाजिक कार्यों में खुद ही आगे बढ़कर अपना योगदान देती हैं। टीम लखनऊ की शान के टीम लीडर बृजेंद्र बहादुर मौर्य के साथ मिलकर कई ऐसे बुजुर्गो को उनके घर पहुंचाया करती हैं। ज्योति राजपूत और बृजेंद्र बहादुर मौर्य इसे प्रोजेक्ट मिलान के नाम से करते हैं। इसमें घर भिजवाने में  खर्चे भी लखनऊ के शान के टीम मेंबर्स करते हैं। ज्योति बताती हैं की अगर सरकारी सहयोग भी मिल जाए तो भटके हुए बुजुर्गो को उनके घर वापस पहुंचाने में और तेजी से काम कर सकेंगी। इसमें में जिन बुजुर्गों के परिवार की आर्थिक ठीक नहीं होती है उन्हें उनके परिवार तक पहुंचने के लिए खर्च भी ज्योति राजपूत अपनी जमा पूंजी से करती हैं।

नाम-श्रीराम भराद्वाज, पिता का नाम- केशव भराद्वाज, बेटों का नाम- सलिन्दर, जितेंद्र, सतिन्दर,  एंव बेटी - सुमन, पूजा। पत्नी का नाम- सुकुमारी। 

किसी भी जानकारी के लिए एडवोकेट ज्योति राजपूत  6388390237 पर या 8564853330 बृजेंद्र से संपर्क किया जा सकता है।

Saturday, 10 June 2023

सीबीआई को मिले 36 नए अधिकारी


नई दिल्ली सीबीआई के सब-इंस्पेक्टर (एसआई) ट्रेनी के 25वें और 26वें बैच का अलंकरण समारोह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सीबीआई अकादमी में आयोजित किया गया, जहां 36 अधिकारी बल में शामिल हुए। इन दो बैचों के 36 अधिकारियों में 20 बी-टेक, 2 एम-टेक और 14 अन्य पोस्टग्रेजुएट्स और साइंस और आर्ट्स ग्रेजुएट्स शामिल हैं। ये ऑफिसर ट्रेनी देश भर के विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तर (सीजीएल) परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सीबीआई अकादमी में शामिल होने वाले इन परिवीक्षार्थियों को 73 सप्ताह की ट्रेनिंग प्रदान की गई।

ट्रेनिंग के दौरान, कैडेटों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया गया, इसमें भौतिक साक्ष्य का संग्रह और संरक्षण, जांच के लिए वैज्ञानिक सहायता (पॉलीग्राफ सहित), ब्रेन मैपिंग, नार्कोएनालिसिस, डी ऑक्सी राइबो न्यूक्लिक एसिड अंगुली का निशान, पूछताछ और साक्षात्कार तकनीक और फोरेंसिक दवा शामिल हैं।

ट्रेनिंग को न्यायशास्त्र, भारत के संविधान, प्रमुख आपराधिक अधिनियमों, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, महत्वपूर्ण मामलों के मामले के अध्ययन, विशेष कानूनों, सीबीआई अपराध नियमावली आदि पर भी ट्रेनिंग दी गई।

गुजराती, मराठी, तेलुगु, पंजाबी, उड़िया, बंगाली, कन्नड़, असमिया आदि सहित विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं की ट्रेनिंग भी दी गई। इनके अलावा, भ्रष्टाचार विरोधी, बैंकिंग धोखाधड़ी, आर्थिक अपराध, खुफिया और निगरानी तकनीक, साइबर अपराध और नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन), नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस), प्राचीन वस्तुओं और ऑनलाइन बाल यौन शोषण सहित अन्य विशेष अपराधों पर भी विशेष प्रशिक्षण दिया गया।

सीबीआई के निदेशक प्रवीण सूद समारोह के मुख्य अतिथि थे, जहां ये युवा प्रतिभाएं सीबीआई बल में शामिल हुईं। सूद ने सभी पासिंग आउट कैडेटों को बधाई दी और उन लोगों को भी बधाई दी, जिन्होंने नए जमाने के जांच उपकरणों के क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में ट्रॉफी जीती।

इस अवसर पर सूद ने युवा अधिकारियों से सीबीआई में उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया। सूद ने बताया कि अधिकारियों के आगे लंबा करियर सीबीआई की उच्च प्रतिष्ठा को बनाए रखने और उज्‍जवल भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि वे मेहनत करने के साथ-साथ स्मार्ट तरीके से काम करने की आदत भी विकसित करें। सूद ने अधिकारियों को अपने नॉलेज और स्किल्स को लगातार अपग्रेड और अपडेट करने की सलाह दी, विशेष रूप से साइबरस्पेस में होने वाले नए-पुराने अपराधों के बारे में, ताकि इसे जांच में लागू किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों से भी आह्वान किया कि वे हर दिन सीखते रहें क्योंकि यह एक आजीवन प्रयास है और जिस दिन हम सीखना बंद कर देते हैं, यह आगे के विकास को भी रोक देता है।

इस कोर्स के दौरान, बेसिक कोर्स करने वाले नए एसआई के लिए पहली बार सर्टिफाइड फ्रॉड एक्जामिनर (सीएफई) पर ट्रेनिंग शुरू किया गया था। सीएफई प्रमाणन संयुक्त राज्य अमेरिका में एसोसिएशन ऑफ सर्टिफाइड फ्रॉड एक्जामिनर्स (एसीएफई) द्वारा आयोजित किया जाता है। ट्रेनी को वित्तीय लेनदेन और धोखाधड़ी योजनाओं, कानून, धोखाधड़ी की रोकथाम और निवारण, और जांच सहित छह सप्ताह की कठिन ट्रेनिंग दी गई।

एसआई के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्देश्य उनमें पेशेवर अखंडता और ईमानदारी, मानवाधिकारों के लिए सम्मान, व्यावसायिकता के महत्वपूर्ण तत्व और अनुशासन की एक मजबूत भावना के उच्चतम मानकों को विकसित करना है।

पर्यटन मंत्री ने अमृत रथ यात्रा की तीन बसों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

आजादी के अमृतकाल के समाप्ति पर भारत को नया भारत बनाने का संकल्प लें-जयवीर सिंह लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर स...