लखनऊ.1 अक्तूबर . शनिवार को गोमती नगर क्षेत्र में फ्यूजन हैंडलूम एवं क्राफ्ट को समर्पित 'मिलिशिल्प' का शुभारम्भ अब्दुल कलम प्रौधोगिक विश्विद्यालय की डीन एवं प्रधानाचार्य श्रीमती वंदना सहगल ने किया .इस अवसर पर बोलते हुए उन्हों ने कहा कि महिला शाश्क्तिकरण की ओर उठाया गया यह कदम हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र कार्यरत महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करेगा. वहीँ इससे जुड़े कलाकारों को अपनी सृजनात्मकता दिखने का भी अवसर देगा. अहिं 'मिलिशिल्प 'की संचालिका /संस्थापिका डॉ मिलन खन्ना ने कहा कि यह अहिलाओं को रोजगार के नए आयाम प्रदान करेगा. सह सह-संस्थापिका शिल्पी खन्ना एवं डॉ अरवीन तुलसी का कहना था कि मिलिशिल्प के माध्यम से महिलाओं को फ्यूजन हैंडीक्राफ्ट की ट्रेनिंग भी दी जाएगी ,तथा उनके द्वारा बनाये गये प्रोडक्ट्स को प्रजेंटेंशन ,मार्केटिंग एवं सेल्स की जानकारी भी साझा की जाएगी .(विज्ञप्ति)
Saturday, 1 October 2022
डॉ वंदना सहगल ने किया 'मिलिशिल्प'का शुभारम्भ
लखनऊ.1 अक्तूबर . शनिवार को गोमती नगर क्षेत्र में फ्यूजन हैंडलूम एवं क्राफ्ट को समर्पित 'मिलिशिल्प' का शुभारम्भ अब्दुल कलम प्रौधोगिक विश्विद्यालय की डीन एवं प्रधानाचार्य श्रीमती वंदना सहगल ने किया .इस अवसर पर बोलते हुए उन्हों ने कहा कि महिला शाश्क्तिकरण की ओर उठाया गया यह कदम हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र कार्यरत महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करेगा. वहीँ इससे जुड़े कलाकारों को अपनी सृजनात्मकता दिखने का भी अवसर देगा. अहिं 'मिलिशिल्प 'की संचालिका /संस्थापिका डॉ मिलन खन्ना ने कहा कि यह अहिलाओं को रोजगार के नए आयाम प्रदान करेगा. सह सह-संस्थापिका शिल्पी खन्ना एवं डॉ अरवीन तुलसी का कहना था कि मिलिशिल्प के माध्यम से महिलाओं को फ्यूजन हैंडीक्राफ्ट की ट्रेनिंग भी दी जाएगी ,तथा उनके द्वारा बनाये गये प्रोडक्ट्स को प्रजेंटेंशन ,मार्केटिंग एवं सेल्स की जानकारी भी साझा की जाएगी .(विज्ञप्ति)
Thursday, 29 September 2022
जन आंदोलनों की भी भाषा रही है हिंदी - प्रो. चौथी राम यादव
उभरी हिंदी - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
(नीलेश मिश्रा की रिपोर्ट)
वाराणसी .हिंदी स्वाधीनता आंदोलन के साथ-साथ जन आंदोलनों की भी भाषा रही है। भारतीय विचार और संस्कृति का वाहक होने का श्रेय हिंदी को ही जाता है। हिंदी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। भाषा वही जीवित रहती है जिसका प्रयोग जनता करती है। सभी भारतीय भाषाओं की बड़ी बहन होने के नाते हिंदी विभिन्न भाषाओं के उपयोगी और प्रचलित शब्दों को अपने में समाहित करके सही मायनों में भारत की संपर्क भाषा होने की भूमिका निभा रही है। उक्त उद्गार वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. चौथी राम यादव ने बतौर मुख्य अतिथि वाराणसी प्रधान डाकघर में हिंदी पखवाड़ा के समापन समारोह में व्यक्त किये।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। वैश्वीकरण के दौर में हिंदी विश्व स्तर पर एक प्रभावशाली भाषा बनकर उभरी है। इंटरनेट ने हिंदी को सर्वसुलभ बना दिया है, ऐसे में सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से भी हिंदी बखूबी विस्तार पा रही है। भारत सरकार द्वारा विकास योजनाओं तथा नागरिक सेवाएं प्रदान करने में हिंदी के प्रयोग को निरंतर बढ़ावा दिया जा रहा है। आज संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्थाओं में भी हिंदी की गूंज सुनाई देने लगी है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. सुभाष यादव ने कहा कि हिंदी हमारे पारम्पंरिक ज्ञान, प्राचीन सभ्यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है। हिंदी भाषा के प्रसार से पूरे देश में एकता की भावना प्रबल हो रही है।
इस अवसर पर हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के विजेताओं को पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने अतिथियों संग सम्मानित किया। इनमें वाराणसी पूर्वी मंडल के 17, वाराणसी पश्चिमी मंडल के 15 और प्रधान डाकघर के 06 कर्मचारी सम्मानित हुए।
ये हुए सम्मानित
निबंध प्रतियोगिता में निवेदिता सिंह, रमापति मिश्रा, कमल भारती, आनंद प्रधान, हरिशंकर यादव, संजय कुमार सिंह, अनुराग शुक्ल, आर.एन. विश्वकर्मा, राहुल कुमार सिंह, हिंदी टिप्पण एवं आलेखन प्रतियोगिता में दीपमनि तिवारी, रमापति मिश्रा, शिवराम कृष्ण, आनंद प्रधान, मुकेश जायसवाल, दिनेश कुमार मौर्य, हिंदी काव्यपाठ प्रतियोगिता में रमेश यादव, ज्ञान सागर, सोनम मौर्या, जे.पी. सिंह, उमंग शुक्ल, वीरेंद्र मिश्र, हिंदी पत्र लेखन प्रतियोगिता में संतोष कुमार भाष्कर, सतीश गुप्ता, प्रतिमा मौर्या, हिन्दी टंकण प्रतियोगिता में रोशनी कुमारी,आशीष कुमार, मुकेश जायसवाल, अमन गुप्ता, राहुल कांत तोमर, उमंग शुक्ल, विजय गुप्ता, केशव कांत चतुर्वेदी, ज्ञान सागर, हिन्दी श्रुत लेखन प्रतियोगिता में निधि तिवारी, चूड़ामणि मिश्र, धर्मेंद्र, भागवत प्रसाद, संजय कुमार को पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव और प्रो. चौथीराम द्वारा सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अधीक्षक डाकघर पी.सी तिवारी, सीनियर पोस्टमास्टर चंद्रशेखर सिंह बरूआ, सहायक अधीक्षक मासूम रजा रश्दी, एसके चौधरी, अजय कुमार, दिलीप सिंह यादव डाक निरीक्षक रमेश यादव, सर्वेश सिंह, श्रीकांत पाल, श्री प्रकाश गुप्ता, अजिता कुमारी सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
Saturday, 24 September 2022
12वीं राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी 'यूफिलेक्स–22' , 15 से 17 अक्टूबर तक
चीफ पोस्टमास्टर जनरल के.के सिन्हा ने जारी की विशेष बुकलेट
लखनऊ (वसुंधरा पोस्ट) आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में उत्तर प्रदेश डाक परिमण्डल द्वारा 12वीं राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी 'यूफिलेक्स–2022' का आयोजन 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर, 2022 तक ललित कला अकादमी, अलीगंज, लखनऊ में किया जाएगा। उत्तर प्रदेश परिमण्डल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने इस प्रदर्शनी के आयोजन के संबंध में विशेष बुकलेट जारी करते हुए बताया कि इस प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश के तमाम डाक टिकट संग्रहकर्ताओं द्वारा भारत एवं विश्व के विभिन्न अनूठे व मूल्यवान डाक टिकटों का प्रदर्शन किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछली राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी आठ वर्ष पूर्व वर्ष 2014 में आयोजित की गयी थी।
चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि डाक टिकट किसी भी देश के सांस्कृतिक एवं सामाजिक जीवन की वास्तविक झांकी प्रस्तुत करते हैं। 'यूफिलेक्स–2022' में आजादी के अमृत काल में डाक टिकटों के माध्यम से भारत की समृद्धि, संस्कृति एवं विरासत में उत्तर प्रदेश के योगदान को भी प्रदर्शित किया जायेगा। प्रदर्शनी के तीनो दिवसों पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों, स्मारकों, विरासतों, साहित्य, कला, संस्कृति इत्यादि पर विशेष आवरण और विरूपण भी जारी किये जायेंगे। श्री सिन्हा ने कहा कि प्रदर्शनी में युवाओं और स्कूली बच्चों के अंदर एक अभिरुचि के रूप में फिलेटली को विकसित करने हेतु फिलेटलिक वर्कशॉप, पेन्टिंग, क़्विज और अन्य तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। डाक टिकटों पर अपनी और अपने प्रियजनों की फोटो छपवाने की सुविधा हेतु हेतु 'माई स्टैम्प' का विशेष काउंटर भी लगाया जायेगा।चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने बताया कि 'यूफिलेक्स–2022' के आयोजन हेतु विभिन्न कमेटियाँ गठित की गई हैं। चीफ पोस्टमास्टर जनरल जहाँ आयोजन समिति के अध्यक्ष होंगे, वहीं पोस्टमास्टर जनरल कानपुर कर्नल एस. एफ. एच. रिजवी स्टीयरिंग और ज्यूरी/अवार्ड कमेटी, महाप्रबंधक (वित्त) श्री राजेंद्र प्रसाद ट्रेड और वालंटियर कमेटी, पोस्टमास्टर जनरल वाराणसी श्री कृष्ण कुमार यादव पब्लिकेशन, पब्लिसिटी व डिजाइनिंग कमेटी, पोस्टमास्टर जनरल आगरा श्री राजीव उमराव यूथ प्रोग्राम और एलॉटमेंट, प्रदर्शनी, तकनीकी व सुरक्षा कमेटी, पोस्टमास्टर जनरल लखनऊ श्री विवेक कुमार दक्ष रिसेप्शन, हॉस्पिटलिटी, सेरेमोनियल व प्रोग्राम कमेटी के अध्यक्ष होंगे।
डाक विभाग द्वारा 'ढाई आखर' पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन : अंतिम तिथि 31 अक्टूबर
विजेताओं को मिलेगा 5 हजार से 50 हजार रूपये तक का पुरस्कार
वाराणसी (वसुंधरा पोस्ट)'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाते हुए देश की युवा पीढ़ी के मन में अक्सर यह ख्याल आता है कि वर्ष 2047 में हमारा भारत देश कैसा होगा। इसी के मद्देनजर भारतीय डाक विभाग द्वारा ‘विज़न फॉर इण्डिया 2047’ विषय पर "ढाई आखर" राष्ट्रीय स्तर पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। और यदि आपका पत्र चुना गया तो पाँच हजार से पचास हजार रूपये तक का पुरस्कार भी मिलेगा। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। इसके लिए विभिन्न स्कूल-कॉलेज डाक विभाग के साथ मिलकर अपने यहाँ पर आयोजन कर सकते हैं। इसकी अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2022 है।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इस 'ढाई आखर' पत्र लेखन प्रतियोगिता में किसी भी उम्र के लोग भाग ले सकते हैं। पहला वर्ग 18 वर्ष तक तथा दूसरा 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग का होगा। पत्र डाक विभाग द्वारा जारी अंतर्देशीय पत्र अथवा लिफाफे में ही स्वीकार्य होगा, जिसमें क्रमशः 500 और 1,000 शब्दों में अंग्रेजी, हिन्दी अथवा स्थानीय भाषा में हाथ से पत्र लिखा जा सकता है। पत्र में अपना पूरा नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और विद्यालय के नाम सहित पोस्टमास्टर जनरल, वाराणसी परिक्षेत्र, वाराणसी-221002 के पते पर 31 अक्टूबर, 2022 तक भेजना होगा।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रतियोगिता के विजेताओं को राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर विभिन्न 4 श्रेणियों में तीन-तीन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इनमें परिमंडलीय (राज्य) स्तर पर चयनित श्रेष्ठ पत्रों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में क्रमश: पचीस हजार, दस हजार व पांच हजार रूपए का पुरस्कार दिया जायेगा। राष्ट्रीय स्तर पर चयनित श्रेष्ठ पत्रों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में क्रमश: पचास हजार, पचीस हजार व दस हजार रूपए का पुरस्कार दिया जायेगा। कुल मिलाकर पूरे देश में 40 लाख 20 हजार रूपये के पुरस्कार विजेताओं को दिए जायेंगे। इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए विभिन्न मंडलों के अधीक्षक और प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर से संपर्क किया जा सकता है।
Tuesday, 20 September 2022
ट्रेड मार्जिन कैप पर नया कानून संशोधन होने से जल्द होगी दवाइयां सस्ती ,-पुरुषोत्तम सोमानी
निजामाबाद .(वसुंधरा पोस्ट ब्यूरो) विगत 4 वर्षों से दवाइयों के एमआरपी पर कुछआवश्यक दवाइयों को छोड़कर कोई नियंत्रण या कानून न होने से निर्माता द्वारा मनमाने तरीके से एमआरपी प्रिंट करने से उपभोक्ताओं को बहुत ही अधिक कीमत पर दवाई खरीदने से देश के 135 करोड़ जनता आर्थिक समस्याओं से जूझ रही हैं। इसलिए सोमानी जी ने इस पर 30% का ट्रेड मार्जिन कैप लाने के लिए सरकार पर पूर्व वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया श्री वेंकैया नायडू , हेल्थ मिनिस्टर श्री मनसुख मांडवीया , फाइनेंस मिनिस्टर श्रीमती निर्मला सीतारमन , फार्मा सेक्रेटरी यस अपर्णा, एनपीपीए चेयरमैन श्री कमलेशकुमार पंत, सीसीआई चेयरमैन, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार , ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया श्री V G सोमानीजी से प्रत्यक्ष मिलकर सरकार पर दबाव बनाने से 8 मार्च 2019 को सरकार ने ट्रायल बेसिस पर कैंसर के 526 दवाइयों पर 30% का ट्रेड मार्जिन क्याप लगाने से इन दवाइयों की एमआरपी 90% तक सस्ती हो गई। अब बाकी सभी दवाइयों पर ट्रेड मार्जिन कैप लगाने के लिए DPCO 13 के कानून में संशोधन करना जरूरी था। इसलिए अब सरकार ने अभी-अभी कानून में संशोधन किया है और अब सरकार दवाइयों पर ट्रेड मार्जिन कैप लगा सकती है। और अब सरकार ने 100 ड्रग्स पर ट्रेड मार्जिन कैप करने का तय किया है. यानि 10,000 से 12,000 तक दवाइयों की MRP 80 से 90% तक कम हो जाएगी। ट्रेड मार्जिन का मतलब यह है मैन्युफैक्चर का सेलिंग प्राइस और एमआरपी के डिफरेंस को ट्रेड मार्जिन कहा जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि मैन्युफैक्चरर अगर दवाई 100 में बेचता है तो उस पर एमआरपी 130 की होना चाहिए यानी 30% ट्रेड मार्जिन कैप हुआ. आज अगर मैन्युफैक्चरर 100 रुपए में दवाई बेचता है तो उस पर एमआरपी 5000 तक प्रिंट की जाती है. यानि 5000% ज्यादा। हाल ही में सोमानी ने फाइनेंस मिनिस्टर श्रीमती निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर यह उन्हें अवगत कराया की एमआर पी पर सरकार का नियंत्रण न होने से 135 करोड़ जनता ज्यादा एमआर पी के वजह से आर्थिक संकट झेल रही है और साथ ही साथ सरकार को GST और incometax का करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। फाइनेंस मिनिस्टर ने जल्दी ही इस पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
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