Thursday, 20 October 2022

प्रमिला भारती को निशंक साहित्य सम्मान एवं प्रो. कमला श्रीवास्तव को विद्या मिश्र लोक संस्कृति सम्मान-2022


लखनऊ: 20 अक्टूबर, 2022 (वसुंधरा पोस्ट). डॉ0 लक्ष्मीशंकर मिश्र ‘निशंक‘ की 104वीं जयन्ती के शुभ अवसर पर डॉ. लक्ष्मीशंकर मिश्र ‘निश्ंाक’ अध्ययन संस्थान एवं उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधन में जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया। श्री उदय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में श्रीमती प्रतिमा भारती को डॉ0 लक्ष्मीशंकर मिश्र ‘निशंक‘ साहित्य सम्मान से एवं प्रो0 कमला श्रीवास्तव को विद्या मिश्र लोक संस्कृति सम्मान से समादृत करते हुए प्रत्येक को ग्यारह-ग्यारह हजार रूपये की धनराशि, मानपत्र, स्मृति चिह्न उत्तरीय भंेट की गयी। इस अवसर पर वाणी वन्दना की प्रस्तुति श्रीमती मीनाक्षी शुक्ल द्वारा की गयी। मंचासीन अतिथियों को उत्तरीय एवं स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया गया। संस्थान के अध्यक्ष डॉ. कमला शंकर त्रिपाठी ने अभ्यागतों का स्वागत किया। आमंत्रित कवियों का उत्तरीय द्वारा स्वागत डॉ. आलोक मिश्र द्वारा किया गया।

   डॉ. लक्ष्मीशंकर मिश्र ‘निशंक’ अध्ययन संस्थान द्वारा प्रकाशित ‘निशंक सुरभि’ वार्षिक पत्रिका, डॉ. निशंक जी के ब्रजभाषा काव्य ‘बूड़ि गयो मन राम के रंग मैं’ तथा श्री केशव प्रसाद वाजपेयी की पुस्तक ‘जनमत’ (कविता संग्रह) का लोकार्पण मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया।इस अवसर पर डॉ. निशंक साहित्य सम्मान से सम्मानित श्रीमती प्रमिला भारती ने डॉ. निशंक जी की कविताओं का सस्वर पाठ किया। विद्या मिश्र लोक संस्कृति सम्मान से सम्मानित प्रो. कमला श्रीवास्तव ने डॉ. लक्ष्मीशंकर मिश्र ‘निशंक’ की पुस्तक ‘साधना के स्वर’ से एक कविता - ‘साधना के इन स्वरों में रागिनी बन समाओ...।’’ का सस्वर पाठ किया।

डॉ. निश्ंक जी की पुस्तक ‘बूड़ि गयो मन राम के रंग मैं’ पर डॉ. उमाशंकर शुक्ल ‘शितिकण्ठ’ ने सारगर्भित व्याख्यान दिया। इसके उपरान्त प्रो. उषा सिन्हा ने ‘लोकगीतों में अभिव्यक्त संस्कृति एवं पर्यावरण’ विषय पर व्याख्यान दिया। समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा - निशंक जी ने अपनी कविता और आदर्शो से समाज में  उच्च जीवन मूल्यों और आदर्शों की स्थापना करने का महान कार्य किया है। वे अपनी श्रेष्ठ रचनाओं में सदैव जीवित रहेंगे। उनको सादर नमन। इस अवसर पर लोकभाषा काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. उमाशंकर शुक्ल ‘शितिकण्ठ’ (ब्रजभाषा) ने पढ़ा - कबौं बेदरिचा मैं अनूप सुयौं, अपरूप सुन्यौ कबौं साहन मैं/कबौं पाहन मैं दुरे देख्यौं तुम्हैं, ऊबौं देख्यौं सनेत की चाहत मैं/कबौं दाहन मैं बिलखात लख्यौं, मुसकात प्रतीति की बाँहन मैं/कबौं देखिहौं रावरी रूप घटा, ब्रज रेनू छटा रची राहन मैं। डॉ. सुरेश (हिन्दी) ने पढ़ा - जो मिलन के पर्व बन आये कभी थे/वे विदा के गीत बनकर रह गये हैं।

श्री शिवमंगल सिंह ‘मंगल’ (बुन्देली) ने पढ़ा - सबको राम जुहार हमारी, अब चलिबे की बारी/रामनगर की डगर कठिन है, सोकर लयि तैयारी/खोटे सिक्के वहाँ न चलहैं, ना ही मिलै उधारी/सदकर्मन की लयी पुटरिया, कछु लै लयि रिजगारी। श्री ब्रज मोहन प्रसाद ‘अनारी’ (भोजपुरी) ने पढ़ा - शीश सम्मान में झुकावत बानीं/सद्गुन गुनगुना के गावत बानीं/लक्ष्मीशंकर जी ‘निशंक’ जी के/आपन सरधा सुमन चढ़ावत बानीं। श्री राम किशोर तिवारी (अवधी) ने पढ़ा - जीवन बोझ भवा जिनकै चहुंओर भई जिनके अंधियारी/एक दिया वहिके अंगना बरि जाय तो  जानौ भई है देवारी। श्रीमती प्रमिला भारती (हिन्दी) ने अपनी प्रसिद्ध रचना रिटायर्मेंट की प्रस्तुति की। श्री उदय प्रताप सिंह ने अपनी प्रसिद्ध कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। धन्यवाद ज्ञापन श्री अनिल मिश्र ने एवं संचालन श्री पद्मकान्त शर्मा ‘प्रभात’ ने किया।

लता दीदी के जन्मदिन पर सुर साधिका का आयोजन

लखनऊ (वसुंधरा पोस्ट) . बीते दिनों स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के जन्मदिन के साथ देश विदेश में सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक औtर सामाजिक संस्था सुर ताल संगम ने संस्था की डायरेक्टर अंतरराष्ट्रीय ख्याति लब्ध गायिका डॉ जया श्रीवास्तव के जन्मदिवस को सुर साधिका सीज़न 4 कार्यक्रम का शानदार आयोजन करके मनाया गया।

भव्य संगीत समारोह का विधिवत शुभारंभ मंत्रोच्चार एवं दीप प्रज्वलित करके बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में दिल्ली से पधारे जीतेंद्र कपिल गुरु जी, भाजपा युवा प्रकोष्ठ के राहुल गुप्ता,समाज सेवी शिखा सिंह, संस्था के संरक्षक धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, सहर जावेद फारुकी और देवेन्द्र मोदी आदि ने किया। फिर लोकप्रिय बाल नृत्यांगना उन्नति श्री ने लता मंगेशकर द्वारा गायी सरस्वती वंदना से संगीत संध्या की शुरुआत की। इसके बाद सुर साधिका प्रतियोगिता में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली नवोदित एवं प्रतिष्ठित गायिकाओं ने कार्यक्रम की रुपरेखा के अनुसार लता मंगेशकर और आशा भोंसले के गीतों से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। जिनमें अद्विका श्रीवास्तव, अमन जावेद फारुकी, ऐमन जावेद फारुकी, दृष्टि बाधित बानी चावला, अनन्या श्रीवास्तव, नाहिद नाज़, अनीता सिंह, वन्दना श्रीवास्तव, सीमा विरमानी, मधुमिता, दिव्यांग कलाकार शबीना सैफी सहित स्वयं जया श्रीवास्तव ने एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को यादगार बनाया। संस्था के सम्मानित पदाधिकारियों में शामिल गायकों ने भी सुर साधिकाओं के साथ सुर मिलाते हुए लता मंगेशकर और आशा भोंसले के सदाबहार गीत सुनाकर आयोजन को चार चांद लगा दिए। जिनमें डॉ विश्वास वर्मा, प्रवीण श्रीवास्तव, देवेन्द्र मेंगी, अभय श्रीवास्तव, हरीश गौड़, अतुल, रमन श्रीवास्तव आदि ने सुर साधिका प्रतिभागियों के साथ बेहतरीन युगल गीतों को प्रदर्शित कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में समाज सेवी नीलोफर नवाज़ खान, हिमांशु पाण्डेय, मोहम्मद अफ़ज़ाल, गीतांजलि अय्यर, अब्दुल हक , शशि भूषण संज्ञा, एजाज हुसैन आदि सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाते हुए संस्था के पदाधिकारियों में प्रमुख रूप से अविजित श्रीवास्तव, डॉ विश्वास वर्मा, अतुल, रमन श्रीवास्तव, देवेन्द्र मेंगी, अभय, प्रवीण श्रीवास्तव आदि ने शानदार प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन रत्ना शुक्ल ने किया। संस्था के मुख्य संरक्षक मंडल द्वारा सभी अतिथियों, पदाधिकारियों एवं कलाकारों को अंगवस्त्र, बुके और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

सभी ने लता मंगेशकर को सादर श्रद्धांजलि देते हुए सुप्रसिद्ध गायिका आशा भोंसले और संस्था की डायरेक्टर जया श्रीवास्तव को उज्जवल भविष्य और आदर्श जीवन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं तथा आयोजन की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए ऐसे ही कलाकारों को प्रोत्साहित करते रहने हेतु सुर ताल संगम संस्था को बधाइयां एवं साधुवाद दिया। कार्यक्रम के अंत में बतौर मुख्य अतिथि संस्थापिका डॉ जया श्रीवास्तव ने सभी का आभार व्यक्त करते धन्यवाद ज्ञापन दिया।


Saturday, 15 October 2022

'आर्थराइटिस मरीजों की बढ़ती संख्या को कम करने में जागरूकता का विशेष महत्व': श्रीमती नम्रता पाठक

विश्व आर्थराइटिस दिवस पर आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ़ लखनऊ द्वारा जागरूकता कार्यक्रम
लखनऊ,15 अक्तूबर (विज्ञप्ति) विश्व आर्थराइटिस दिवस के अवसर पर आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ़ लखनऊ ने जागरूकता कार्यक्रम का अक्टूबर 15, 2022, को सुबह आयोजन किया जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाज सेविका आदरणीय श्रीमती नम्रता पाठक जी, पत्नी माननीय उप-मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार माननीय श्री ब्रजेश पाठक, उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आदरणीय श्रीमती नम्रता पाठक जी ने कहा की आर्थराइटिस मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए जागरूकता को बढ़ने की भी अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा की इलाज से बेहतर उपाय बचाव है और इसके लिए जागरूकता एक शशक्त हथियार है। श्रीमती नम्रता पाठक ने वर्ल्ड आर्थराइटिस डे कार्यक्रम के अंतर्गत साइकिल रैली में प्रतिभाग करने वाले बड़ी संख्या में आये हुए साइकिलिस्ट को झंडा दिखा कर रवाना किया। साइकिल रैली हेल्थसिटी हॉस्पिटल से शुरू हुई। उन्होंने हेल्थसिटी हॉस्पिटल द्वारा गोद लिए गए दो चौराहों का, जिन्हे आज सुसज्जित भी किया गया था, अनावरण किया। यह चौराहे हेल्थसिटी हॉस्पिटल द्वारा सँवारे जायेंगे।
श्रीमती पाठक ने अस्पताल परिसर में पांच पौधे भी लगाए। वहीँ उन्होंने दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल भी वितरित की।
आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ़ लखनऊ के संस्थापक डॉ संदीप कपूर ने इस अवसर पर कहा की समाज में दिव्यांगों को उचित सम्मान दिलाना भी सभी की जिम्मेदारी है। डॉ कपूर ने कहा की हर एक सरकारी एवं निजी दफ्तर अथवा कार्यालय में दिव्यांगों हेतु रैंप निर्माण होना चाहिए वहीँ उनके लिए अलग स्थान की भी व्यवस्था होनी चाहिए जिस से की उन्हें कोई कठिनाई न हो।
आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ़ लखनऊ के संस्थापक डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आर्थराइटिस प्रमुख रूप से शरीर के जोड़ों पर असर करता है। परन्तु इसका प्रभाव कई प्रकार से व्यक्ति के पूरे जीवन पर पड़ जाता है। आर्थराइटिस आज जीवन शैली सम्बन्धित बीमारियों में प्रथम स्थान रखता है।
डॉ. कपूर ने बताया कि लखनऊ में 5 लाख से अधिक व्यक्ति  आर्थराइटिस से प्रभावित हैं। आर्थराइटिस के उपचार व बचाव पर बात करते हुए डॉ. कपूर ने कहा कि आर्थराइटिस अन्ततः प्रत्यारोपण सर्जरी के माध्यम से पूर्णतः ठीक हो जाता है परन्तु आधुनिक दवाओं के माध्यम से प्रत्यारोपण को काफी समय तक टाला भी जा सकता है। साथ ही मरीज इस दौरान दर्द से भी छुटकारा पा सकते हैं। डॉ. कपूर ने कहा कि आर्थराइटिस उपचार के अधिक माध्यम नहीं है। इस कारण जो मरीज वैकल्पिक उपचार की ओर जाते हैं वे बीमारी को एक प्रकार से बढ़ावा देते हैं। समय पर सही इलाज जरूरी है।
डॉ. संदीप गर्ग ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार 10 दस में से साथ व्यक्ति आर्थराइटिस से परेशान होते हैं। यह जोड़ों से सम्बन्धित एक जैसी स्वास्थ्य से परेशान होते हैं। बीमारी से ग्रसित व्यक्ति तरह-तरह की परेशानी से गुजरता है। दर्द, चलने-फिरने में कठिनाई, जोड़ों में अकड़न महसूस होना समेत दूसरी परेशानियाँ होती हैं। मरीज यह महसूस करता है कि वह पहले की तरह चीजों को पकड़ भी नहीं पा रहा है।
कार्यक्रम में डॉ दर्शना कपूर, डॉ एएम् सिद्दीकी, डॉ फरहद सिद्दीकी, डॉ पुलकित, डॉ केपी चंद्रा, डॉ केबी जैन, ऋतू गर्ग,  डॉ नवनीत त्रिपाठी, डॉ आशुतोष पांडेय, डॉ शैलेन्द्र, अमन ओहरी, जयदीप, इन्द्रसेन, अनुज, विनोद, अमित पांडेय व अम्बुज बारीगोल्डी उपस्थित रहे। इस अवसर पर साइकिल रैली एवं वॉकथॉन के अतरिक्त योग सत्र का भी आयोजन किया गया था। 

 

Tuesday, 11 October 2022

पति छोड़ कर भागा, दो साल से दो बच्चो के साथ भटक रही गीता


सीएम योगी से लगाईं गुहार ,सीएम सुन लें उनकी पुकार 

लखनऊ | राजधानी में एक महिला अपने दो बच्चो के साथ दयनीय स्थिति में जीवन जी रही है।  समय की मार उसपर ऐसी पड़ी की आज उसके पास पक्की छत तक नहीं है।  पति का छोड़ जाना और उसपर दो बच्चे और उससे भी बड़ी विडंबना की दो साल से गंभीर बीमारी से झूझना।  रिश्तेदारों की उसके प्रति मायूसी ने उसे एकदम अकेला मरी स्थिति में छोड़ रखा है।  ऐसे में महिला अब सीएम योगी से अपनी मदद करने की गुहार कर रही है।  वर्तमान समय में उसकी देखभाल एक संस्था कर रही है। पूरी कहानी इस तरह से है  फिजा उर्फ गीता शुक्ला पत्नी मोहम्मद रेहान निवासिनी जैन कालोनी फैजुल्लागंज लखनऊ की है.

 फिजा उर्फ गीता शुक्ला पिछले दो  वर्षों से बीमार है।   1 साल पहले उसका पति उसको अधमरी  हालत में दो  मासूम बच्चों के साथ सड़क किनारे छोड़ कर तथा बड़ी बेटी को साथ लेकर बाहर चला गया।  पिछले एक साल से फिजा उर्फ गीता शुक्ला दर दर की ठोकरें खा रही थी।  27 जून 2022 को इनकी जानकारी लखनऊ की सामाजिक संस्था एक परिवर्तन फाउंडेशन के संस्थापक ज्ञान तिवारी को मिली।  उन्होने इस महिला को 29 जून 2022 को लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका 16 दिन उपचार चला किंतु उचित ईलाज न मिल पाने के कारण उसकी हालत में कोई भी सुधार नहीं हुआ बल्कि स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई। 16 जुलाई 2022 को फिजा उर्फ गीता शुक्ला को बलरामपुर से डिस्चार्ज करवा कर ज्ञान तिवारी और उनकी संस्था और अन्य सहयोगियों की सहायता से अलीगंज स्थित एक प्राईवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका सुचारु रूप से ईलाज प्रारंभ हुआ जिसके बाद जानकारी मिली की फिजा उर्फ गीता शुक्ला एनिमिक है और साथ ही पैरलाइज्ड भी है उसके बाद उनका एम आर आई करवाया गया तो पता चला की उसकी  रीढ़ की हड्डी के पास एल 4 एल 5 एल 3 व अन्य हड्डियां बढ़ गईं है जिस कारण यह खड़े होने में असमर्थ है और बिना आपरेशन के इनका चलना असंभव है। 7 दिन तक उसी अस्पताल में उनका ईलाज चला और इनकी हालत में पहले से काफी सुधार भी हुआ तो।  

  25 जुलाई 2022 फिजा उर्फ गीता शुक्ला को वहां से डिसचार्ज करवा कर उन्हे उनके रहने का प्रबंध कर के उनके दोनो बच्चो के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया तब से उनके रहने खाने दवाइयां और अन्य चीजों की जिम्मेदारी ज्ञान तिवारी और उनकी संस्था और उनके सहयोगियों द्वारा करी जा रही है लेकिन महिला और उसके बच्चों की स्थिति काफी दयनीय है उसके दोनो बच्चे राहुल उम्र 8 साल व नेहा उम्र 12 साल की है और वही दोनो मासूम बच्चे अपनी लाचार मां का सहारा बने हुए है।  गीता के समुचित इलाज के लिए सरकारी सहायता की अत्यंत ज़रूरत है साथ ही उसके रहने के लिए एक समुचित आवास की उम्मीद्द भी गीता शुक्ला लगाये हुए है। गीता शुक्ला ने मीडिया के माध्यम से सीएम योगी तक अपनी बात पहुंचाने को कोशिश कर रही है। (विज्ञप्ति)


Monday, 3 October 2022

उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को अब आर्थिक समस्या आड़े नहीं आयेगी : डॉ सहगल

एकलव्य क्रीड़ा कोष के तहत खिलाड़ियों को खेल में उच्च स्तरीय प्रदर्शन एवं संवर्धन हेतु मिलेगी फेलोशिप

35 खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय

ओलम्पिक गेम्स हेतु क्वालीफाई/कोचिंग कैम्प हेतु खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता

खेल प्रतियोगिता एवं प्रशिक्षण के दौरान लगने वाली चोट के उपचार हेतु खिलाड़ी को 5 लाख  की वित्तीय मदद

लखनऊ, 03 अक्टूबर (वसुंधरा पोस्ट ब्यूरो) उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रदर्शन करने में अब आर्थिक समस्या आड़े नहीं आयेगी। राज्य सरकार एकलव्य क्रीड़ा कोष के तहत खिलाड़ियों को खेल में उच्च स्तरीय प्रदर्शन एवं संवर्धन हेतु फेलोशिप प्रदान करेगी। आज बापू भवन में अपर मुख्य सचिव, खेल, डा0 नवनीत सहगल की अध्यक्षता में आयोजित एकलव्य क्रीड़ा कोष की बैठक में 35 खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता/फेलोशिप प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही एकलव्य क्रीड़ा कोष से जनपद व मण्डल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी पंजीकृत खिलाड़ियों, आवासीय क्रीड़ा छात्रावासों एवं स्पोर्ट्स कालेजेज के खिलाड़ियों को आयुषमान भारत योजना के तहत कवर कराने का प्रस्ताव पारित किया गया।

डा0 सहगल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों एवं मण्डलों से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियों को एकलव्य क्रीड़ा कोष से आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। एकलव्य क्रीड़ा कोष के तहत खेल संघों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चौम्पियनशिप में पदक विजेता खिलाड़ियो को अपने खेल विधा से संबंधित आवश्यक उपकरणों की खरीद हेतु पांच लाख रुपये तक अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। सम्बद्धता प्राप्त खेल संघों द्वारा 04 वर्षों के अंतराल पर आयोजित किये जाने वाले एशियन चौम्पियनशिप, एशियन गेम्स, वर्ल्ड कप, विश्व चौम्पियनशिप तथा एशिय कप में पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को शारीरिक विकास एवं संवर्धन हेतु डाइट मनी के रूप में 03 लाख रुपये की धनराशि प्रतिवर्ष देने का प्राविधान है।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इसी प्रकार जूनियर एशियन चौम्पियनशिप, जूनियर विश्व चौम्पियनशिप, जूनियर वर्ल्ड कप, एशियन कप, यूथ ओलम्पिक गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, सैफ गेम्स पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को 02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रतिवर्ष दी जायेगी। इसके अलावा ओलम्पिक गेम्स हेतु क्वालीफाई/कोचिंग कैम्प हेतु खिलाड़ियों को 05 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। साथ ही खेल प्रतियोगिता एवं प्रशिक्षण के दौरान लगने वाली चोट के उपचार हेतु खिलाड़ी को 05 लाख रुपये वित्तीय मदद दी जायेगी।

श्री सहगल ने बताया कि ओलंपिक गेम्स, कामनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, वर्ड चौम्पियन/वर्ल्डकप, एफ्रो एशियन गेम्स, सैफ गेम्स व राष्ट्रीय चौम्पियनशिप में पदक जीतने वाले खिलाड़ी तैयार करना एकलव्य क्रीड़ा कोष का मुख्य उद्देश्य है। इस कोष के तहत खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण की व्यवस्था प्रदान करना है। खिलाड़ियों का स्वास्थ्य बीमा कराया जायेगा। साथ ही खेल क्लबोें, तथा अकादमियों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रुप से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजन, ट्रान्सजेण्डर व महिला खिलाड़ियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जायेगा। खिलाड़ियों को आधुनिक खेल उपकरण व सामग्री भी उपलब्ध कराई जायेगी।

बैठक में एकलव्य क्रीड़ा कोष के सचिव/निदेशक खेल श्री आर0पी0 सिंह सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

भारत में 15 अगस्त, 1972 को आरम्भ हुई थी पिनकोड प्रणाली

डाक विभाग की विभिन्न योजनाओं से 

अवगत कराएगी क्विज प्रतियोगिता

वाराणसी (वसुंधरा पोस्ट ब्यूरो).पत्रों से हम सभी का नाता रहा है। पत्रों पर लिखे जाने वाले पिनकोड की अहमियत भी खूब है, इसी के माध्यम से विभिन्न स्थानों की लोकेशन चिन्हित की जाती है। भारत में पिन कोड प्रणाली की 15 अगस्त, 1972 को शुरुआत हुई। ऐसे में, 'आजादी का अमृत महोत्सव' काल में डाक विभाग ने पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) की स्वर्ण जयंती के अवसर पर माईगव प्लैटफॉर्म पर एक विशेष प्रश्‍नोत्‍तरी (क्विज) का लाइव आयोजन किया है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि यह प्रश्‍नोत्‍तरी, डाक विभाग के उत्पादों और सेवाओं के बारे में नागरिकों में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ विशेष रूप से पिन कोड के उपयोग को प्रोत्साहित करने का भी एक प्रयास है। इसमें किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा  https://quiz.mygov.in/quiz/pincode-quiz/ लिंक पर जाकर भागीदारी की जा सकती है। 

पोस्टमास्टर जनरल  कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि यह प्रश्‍नोत्‍तरी “आजादी का अमृत महोत्सव” का भाग है जिसमें  7 अक्तूबर, 2022 की रात्रि 11:30 बजे तक प्रतिभागिता की जा सकेगी। डाक विभाग के कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य इस प्रश्‍नोत्‍तरी में भाग नहीं ले सकते। इस समयबद्ध प्रश्‍नोत्‍तरी प्रतियोगिता में प्रतिभागी को 300 सेकंड में 15 प्रश्नों के उत्तर देने होंगे तथा प्रश्‍नोत्‍तरी, हिन्‍दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी। प्रत्येक डाक परिमंडल (राज्य) से सबसे अधिक अंक प्राप्‍त करने वाले 75 प्रतिभागियों को प्रश्‍नोत्‍तरी के विजेताओं के रूप में चुना जाएगा और प्रत्येक चयनित विजेता को डाक-टिकटों का गिफ्ट हैंपर दिया जाएगा। विजेताओं का चयन, दिए गए सही उत्तरों की उच्चतम संख्या के आधार पर किया जाएगा। यदि उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों की संख्या 75 से अधिक होती है, तो उनमें से विजेताओं का चयन, प्रश्‍नोत्‍तरी को पूरा करने में लिए गए समय के आधार पर किया जाएगा। कोई भी प्रतिभागी, प्रतियोगिता में केवल एक ही बार जीत का पात्र होगा। प्रतियोगी को अपना नाम, ई-मेल पता, टेलीफोन नंबर, डाक पता और पिन कोड संबंधी जानकारी देनी होगी।



निदेशक सूचना ने किया गॉधी एवं शास्त्री जी के चित्रों पर माल्यार्पण

 

लखनऊ, 2 अक्टूबर .निदेशक सूचना श्री शिशिर ने प0 दीनदयाल उपाध्याय सूचना परिसर के सभाकक्ष में आज राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी जी एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्रों  पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया . इस अवसर पर सूचना निदेशक श्री शिशिर ने कहा कि आज हम सब राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी जी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयन्ती मना रहे है. इस वर्ष पूरा देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है. हम सभी को गॉधी जी के सपने को साकर करने की दिशा में कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता के विचार थे कि खुद वो बदलाव बनिये, जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं. स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संदेश दिया तथा बापू जी के द्वारा दिये गये संदेशों का अनुपालन हम सभी को करना चाहिए. आगे  कहा कि देश को जय जवान, जय किसान का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की भी जयन्ती है. इस अवसर पर सांस्कृतिक दल द्वारा बापू जी के प्रिय भजनों का गायन किया गया तथा सभी लोगों द्वारा सुना गया व सराहना की गई.

इस अवसर पर प0 दीनदयाल उपाध्याय सूचना परिसर में अपर निदेशक सूचना श्री अंशुमान राम त्रिपाठी, सयुक्त निदेशक, श्री सर्वेश कुमार दुबे, श्री भूपेन्द्र सिंह यादव, उपनिदेशक श्री हरिशंकर त्रिपाठी, श्रीमती कुमकुम शर्मा, श्री ललित मोहन श्रीवास्तव, फिल्म निर्माण अधिकारी श्री संजय अस्थाना, सहायक निदेशक श्री गोकुल प्रसाद दुबे व श्री सतीश चन्द्र भारती सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी जी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया. 

(टेक्स्ट एवं फोटो सूचना विभाग,लखनऊ) 

Saturday, 1 October 2022

आशा कला सम्मान पाकर कलाकार बच्चो के खिले चेहरे

लखनऊ, 1 अक्तूबर । सामाजिक कार्यों में योगदान दे रही राजधानी की अग्रणी संस्था आशा वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से शनिवार को सेवा समर्पण सम्मान समारोह एवं सांस्कृतिक पारंपरिक उत्सव का आयोजन इंदिरा नगर स्थित अकाउंट्स एंड फाइनेंस डिपार्टमेंट के ऑडिटोरियम में किया गया। इस मौके पर प्रशासनिक अफसरों ने अपने संघर्ष के बाद सफलता कैसे मिली आदि संदेश दर्शकों के सामने साझा किया।

कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के सदस्यों एवं डॉ हीरा लाल आईएएस,यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की धर्मपत्नी नम्रता पाठक द्वारा किया गया । इसी के साथ के द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में सेवा समर्पण सम्मान से 75 समाज सेवको को सम्मानित किया सम्मान के रूप में उन्हें मोमेंटो, शॉल पौधे एवं सर्टिफिकेट प्रदान किए गए । इसी के साथ ही कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले बच्चो एवम कलाकारों को आशा कला सम्मान से नवाजा गया जिसमे उन्हे मोमेंटो सर्टिफिकेट एवं कागज़ से बने गुलदस्ते भेंट किए। 

कार्यक्रम में सहयोग करने वाले बंधुओ को कुटुंब सम्मान प्रदान किया गया। डॉ हीरा लाल के द्वारा अपनी लिखी पुस्तक डायनामिक डीएम भी पढ़ने के शौकीन लोगो को दी गई साथ। 

कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था की अध्यक्ष सोनी वर्मा,सचिव ज्योति मेहरोत्रा,उपाध्यक्ष बृजेंद्र बहादुर मौर्य मीडिया प्रभारी अंजली पांडे सहित डॉ एमपी श्रीवास्तव,रहिला खान, शीबा खान,अभिषेक सिन्हा इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।(विज्ञप्ति)

डॉ वंदना सहगल ने किया 'मिलिशिल्प'का शुभारम्भ


लखनऊ.1 अक्तूबर . शनिवार को गोमती नगर क्षेत्र में फ्यूजन हैंडलूम एवं क्राफ्ट को समर्पित 'मिलिशिल्प' का शुभारम्भ अब्दुल कलम प्रौधोगिक विश्विद्यालय की डीन  एवं प्रधानाचार्य श्रीमती वंदना सहगल ने किया .इस अवसर पर बोलते हुए उन्हों ने कहा कि महिला शाश्क्तिकरण की ओर उठाया गया यह कदम हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र कार्यरत महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करेगा. वहीँ इससे जुड़े कलाकारों को अपनी सृजनात्मकता दिखने का भी अवसर देगा. अहिं 'मिलिशिल्प 'की संचालिका /संस्थापिका डॉ मिलन खन्ना ने कहा कि यह अहिलाओं को रोजगार के नए आयाम प्रदान करेगा. सह सह-संस्थापिका शिल्पी खन्ना एवं डॉ अरवीन तुलसी का कहना था कि मिलिशिल्प के माध्यम से महिलाओं को फ्यूजन हैंडीक्राफ्ट की ट्रेनिंग भी दी जाएगी ,तथा उनके द्वारा बनाये गये प्रोडक्ट्स को प्रजेंटेंशन ,मार्केटिंग एवं सेल्स की जानकारी भी साझा की जाएगी .(विज्ञप्ति)   







पर्यटन मंत्री ने अमृत रथ यात्रा की तीन बसों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

आजादी के अमृतकाल के समाप्ति पर भारत को नया भारत बनाने का संकल्प लें-जयवीर सिंह लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर स...